उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के हाथरस( Hathras ) में सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता ( Gange rape victim ) को इंसाफ दिलाने के लिए देशभर में गुस्सा है। पीड़िता की मौत के बाद उसका जबरन अंतिम संस्कार कर दिया गया। इसे लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। इस मामले पर सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार विपक्ष के निशाने पर है।
इसी बीच हाथरस( Hathras ) की बेटी से गैंगरेप और मौत मामले पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक्शन लिया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार, सूबे के पुलिस मुखिया को इस मामले में नोटिस जारी किया है। आयोग ने इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए महज चार सप्ताह का वक्त दिया है।आयोग ने कहा कि जिस तरह से अपराधियों ने इस वीभत्स घटना को अंजाम दिया है, उससे पता चलता है कि उनके मन में कानून का कोई डर नहीं था। परिवार को एक अपूरणीय क्षति हुई है।
हाथरस ( Hathras )बॉर्डर को सील कर दिया गया है, जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। पांच लोगों के जुटने पर पाबंदी लगाई गई है मीडिया को गांव में जाने की इजाजत नहीं है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने कोरोना का हवाला देते हुए यह फैसला किया है। पुलिस ने कहा कि मीडिया एसआईटी जांच में बाधा डाल रही है।
दिल्ली सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता निर्भया की मां आशा देवी ने हाथरस पीड़िता के परिवार के लिए मदद का हाथ आगे बढ़ाया है। निर्भया की मां ने कहा कि यदि पीड़िता का परिवार चाहेगा या न्याय दिलाने में परिवार को उनकी मदद चाहिए होगी तो वे परिवार की हर संभव मदद करेंगी।