कोरोना महामारी के खतरे बीच बिहार विधानसभा चुनाव-2020 ( Bihar Assembly Elections 2020 ) के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा जनसभाओं का भी आयोजन किया जा सकेगा। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि कोरोना काल में होने वाले इस चुनाव में सिर्फ वर्चुअल तरीके से चुनाव प्रसार होने की बात गलत है, अगर ऐसा होता तो चुनाव आयोग इतनी तैयारियां नहीं करता।
उन्होंने बताया कि बिहार में सभी जिलों के जिलाधिकारियों से जनसभाओं के लिये उपलब्ध हॉल और ग्राउंड की सूची तैयार करने को कहा गया है। इसके अलावा कुछ स्थानों पर गोलाकार चिह्न भी बनाए गए हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा( Chief Election Commissioner Sunil Arora )ने बताया कि राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है कि अगर किसी निर्वाचन अधिकारी की कोरोना संक्रमित होने पर मौत हो जाती है तो उसे 30 लाख रुपये की राशि का मुआवजा दिया जाएगा।
बिहार (Bihar ) के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को निर्देश दे दिए गए हैं सभी प्रमुख स्थानों की सूची मुख्य अखबारों में छपवा दें। जनसभाओं के दौरान जिलाधिकारी ही सामाजिक दूरी और दूसरे दिशा-निर्देशों का पालन करवाएंगे। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि चुनाव खर्चों की निगरानी को लेकर दो विशेष पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाएंगे।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि अत्यंत संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्रों की पहचान करें और प्रभावी व्यवस्था बनाए रखें। इसके अलावा मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने सख्ती करते हुए कहा कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल गलत ढंग से नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आज कल सोशल मीडिया को नफरत फैलाने या धार्मिक तनाव बढ़ाने के लिए एक माध्यम के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है लेकिन बिहार चुनाव के दौरान अगर कोई ऐसा करता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसको लेकर सोशल मीडिया ऑपरेटर्स ने पहले ही मानक तैयार कर लिए हैं।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक और जातीय तनाव बढ़ाने पर भादवि या आईटी एक्ट के तहत कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि चुनाव आयोग की टीम तीन दिन के दौरे पर बिहार (Bihar )आई थी।