
हाथरस ( Hathras ) की एक दलित युवती के साथ हुई हैवानियत और उसकी मौत के बाद उत्तर प्रदेश के हाथरस ( Hathras ) जिले को अभेद्य दुर्ग में तब्दील कर दिया गया है। चाहे मीडिया हो या राजनीतिक दल के नेता, यहाँ तक कि पीड़िता का केस लड़ने जा रही महिला वकील के लिए हाथरस में घुसने के सारे रास्ते बंद कर दिये गए हैं।
लेकिन इस अभेद्य दुर्ग के अंदर प्रशासन की निगरानी में जो कारगुजारियाँ हो रही हैं, उससे सभी आश्चर्यचकित हो गए हैं। जिस जिले में प्रशासन की इच्छा के बिना फिलहाल परिंदा भी पर नहीं मार सकता, वहाँ उस दलित लड़की के साथ दरिदंगी करने के आरोपियों के पक्ष में 12 गांवों के ठाकुरों की महापंचायत हो गयी जिसमें हजारों लोग जुटे और प्रशासन तमाशबीन बना रहा ।
बिटिया की मौत के मामले में ठाकुर समाज के लोग धीरे-धीरे आरोपियों के पक्ष में खुलकर सामने आने लगे हैं। इसे लेकर शुक्रवार को गांव बघना में 12 गांवों के लोगों की पंचायत हुई। इस पंचायत में लोगों ने आरोपियों के पक्ष से मांग उठाई, कि पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच की जाए। वहीं आरोपी पक्ष और बिटिया पक्ष के लोगों का नारको टेस्ट कराया जाए, जिससे हकीकत सामने आ सके और निर्दोषों को न्याय मिल सके।
इस घटना के बाद इलाके में तनाव गहरा रहा है।चंदपा क्षेत्र के जिस गांव की बिटिया के साथ दरिंदगी हुई, वह वाल्मीकि समाज की थी, जबकि आरोपी चारों युवक ठाकुर समाज के हैं। घटना के बाद से ही आरोपी पक्ष खुद को निर्दोष बता रहा है और एकजुट भी होता जा रहा है। इस तरह की सुगबुगाहट आसपास के गांवों में भी देखी जा रही है।
भाजपा के पूर्व विधायक राजवीर सिंह पहलवान ने आरोप लगाया है कि लड़की को उसके भाई और मां ने ही मारा है। उनका कहना है कि चारों युवक निर्दोष हैं और उन्हें फंसाया गया है। वहीं सांसद राजवीर सिंह दिलेर को लेकर उन्होंने कहा है कि उन्हें तो जनता सबक सिखाएगी।
हाथरस ( Hathras ) की बिटिया के प्रकरण में एक आरोपी रामू के पिता राकेश ने आरोप लगाया है कि उनके बेटे को इस मामले में क्षेत्रीय सांसद राजवीर दिलेर और उनकी बेटी मंजू दिलेर ने फंसवाया है। इसकी वजह यह है कि दूसरा पक्ष वाल्मीकि जाति का है और सांसद भी इसी बिरादरी के हैं जबकि वे लोग ठाकुर हैं।
आपको बता दें कि हाथरस की घटना को लेकर राजनीतिक दलों की सक्रियता तो बढ़ ही गई है, इलाके में तनाव भी बढ़ गया है। राहुल और प्रियंका गांधी के विरोध प्रदर्शन के बाद हाथरस में धारा 144 लागू कर दी गई है। बिटिया के गांव जाने वाले सभी रास्तों पर बड़़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए है और गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया है।