आज हिमाचल प्रदेश में दुनिया की सबसे लंबी हाईवे सुरंग खुल गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi ) ने सामरिक रूप से अहम सभी मौसम में खुली रहने वाली अटल सुरंग (Atal Tunnel) का शनिवार को सुबह हिमाचल प्रदेश के रोहतांग ( Rohtang )में उद्घाटन किया। इस सुरंग के कारण मनाली( MANALI )और लेह के बीच की दूरी 46 किलोमीटर कम हो गई। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे। उद्घाटन समारोह के बाद पीएम मोदी ने लाहौल स्पीति के सीसू और सोलांग घाटी में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में संबोधित किया।
अटल सुरंग (Atal Tunnel ) का लोकार्पण करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है। यह अटल का सपना ही नहीं, हिमाचल और देश के लोगों का दशकों का इंतजार खत्म हुआ है। इसका लोकार्पण मेरा सौभाग्य का काम है। जब संगठन का काम देखता था तो अटल जी यहां आते थे। एक दिन मैं और धूमल जी इस बात को लेकर उनके पास गए। हमारा सुझाव अटल जी का सपना बन गया। हम इसे समृद्धि के रूप में देख रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकार्पण की चकाचौंध में वह लोग पीछे रह जाते हैं जिनका योगदान रहा। अभेद्य पीरपंजाल को भेदकर यह संकल्प पूरा किया है। इंजीनियर, मजदूर सबको याद करता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि यह टनल नए केंद्र शासित प्रदेश लेह लद्दाख की भी लाइफ लाइन बनने वाली है।
उन्होंने कहा कि जब विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ना हो, जब देश के लोगों के विकास की प्रबल इच्छा हो, तो रफ्तार बढ़ानी ही पड़ती है। अटल सुरंग (Atal Tunnel) के काम में भी 2014 के बाद, अभूतपूर्व तेजी लाई गई। नतीजा ये हुआ कि जहां हर साल पहले 300 मीटर सुरंग बन रही थी, उसकी गति बढ़कर 1400 मीटर प्रति वर्ष हो गई। सिर्फ 6 साल में हमने 26 साल का काम पूरा कर लिया।
पीएम मोदी ( PM Modi )ने कहा कि यह सुरंग देवधरा की उस बुद्ध परंपरा को समृद्ध करेगी जो दुनिया को रोशनी दिखाएगी। हिमालय का यह हिस्सा हो उधर रेगिस्तान का विस्तार हो या तटीय इलाके, ये सब देश की सुरक्षा करते हैं। यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए पीएम ने कहा कि अटल की सरकार जाने के बाद इस काम को भुला दिया गया। जिस रफ्तार से सुरंग का काम उस समय हो रहा था, यह 2040 में पूरी होती।
अटल टनल (Atal Tunnel) के काम में 2014 के बाद अभूतपूर्व तेजी लाई गई। पहले हर साल 300 मीटर सुरंग बन रही थी, हमने 1400 मीटर प्रति वर्ष कर दी। यूपीए सरकार होती तो छह साल का काम 26 साल में पूरा होता। यह सुरंग 3200 करोड़ खर्च कर बनाई गई है। यदि 20 साल और लगते तो यह खर्च कितना होता। अटल टनल की तरह ही अनेक प्रोजेक्टों के साथ यही व्यवहार हुआ।
लद्दाख में दौलत बेग एयर स्ट्रिप में भी राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं दिखी। ऐसे सामरिक महत्व के बड़े प्रोजेक्ट सालों तक लंबित रखे गए। यह देश की सुरक्षा से भी समझौता है। पीएम ने कहा कि आज नॉर्थ ईस्ट और अरुणाचल को जोड़ने वाले पुल का काम भी अटल जी ने शुरू किया था।
यह भी लंबित रखा गया। 2014 के बाद इसे गति दी गई। बिहार (Bihar ) के कोसी पुल के साथ भी ऐसा ही हुआ।
अब चाहे हिमाचल हो या कोई और क्षेत्र काम तेजी से चल रहे हैं। सड़क पुल आदि बन रहे हैं। आम लोगों के अलावा हमारे सेना के भाईयों को लाभ हो रहा है। देश की सुरक्षा करने वालों का ख्याल रखना हमारी प्राथमिकता है। वन रैंक वन पेंशन को भी इन लोगों ने पूरा नहीं किया। कागजों में ही दिखाया जाता रहा। मेक इन इंडिया को बढ़ावा दिया जा रहा है। हमें अपने सामरिक सामर्थ को बढ़ाना है। अटल टनल इसी आत्मविश्वास का प्रतीक है।
सिस्सू में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पीएम नरेंद्र मोदी को लाहौली टोपी पहनाई और थंका पेंटिंग भी भेंट की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को मंत्री और स्थानीय विधायक रामलाल मारकंडा ने लाहौली टोपी पहनाकर सम्मानित किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh )ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत की साख और धाक स्थापित की। यह देवभूमि और शौर्य की भूमि है।
सुरंग बनने से पूरे भारत में अब यहां के लोग व्यापार कर पाएंगे। सामरिक दृष्टि से भी टनल बहुत महत्वपूर्ण है। राजनाथ सिंह ने कहा कि यह टनल भारत माता के मुकुट का अनमोल रत्न है। पड़ोसी देश चीन की सीमा पर हमारे सेना के जवान हैं। सीमा पर रहने वाले लाहौल के लोग भी प्रहरी हैं। सीमा पर रहने वाले लोगों के लिए यहां के लोग सामरिक संपत्ति हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने सिस्सू में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि लाहौल में पर्यटन की अपार संभावनाए हैं।
टनल बनने से पर्यटकों के लिए अब चंद्रताल, त्रिलोकीनाथ, स्पीति घाटी दूर नहीं है। ताबो मठ तक पूरे विश्व की पहुंच आसान होगी।