उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के बलरामपुर( Balrampur) जिले में गैसड़ी कोतवाली क्षेत्र गत मंगलवार को दलित छात्रा( Dalit Student )के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म दरिंदगी के मामले में रविवार को अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी तथा एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने दलित छात्रा( Dalit Student ) के घर जाकर परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने बिटिया को इंसाफ दिलाने का पूरा भरोसा दिलाया और परिवार की हर संभव मदद करने का भरोसा दिलाया।बलरामपुर( Balrampur) सामूहिक दुष्कर्म के सभी आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून ( National Security Act) लगाया जाएगा। यहां भी दलित छात्रा की गैंगरेप के बाद मौत हो गई थी।
आरोपियों को रिमांड पर लेकर फिर से पूछताछ की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश सरकार महिलाओं तथा बच्चों पर हो रहे अपराध को लेकर काफी गंभीर है । आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा। मामले की पैरवी फास्ट ट्रैक कोर्ट में करके उन्हें शीघ्र कठोर सजा दिलाई जाएगी। पीड़ित परिवार की निगरानी डीएम करेंगे।
यह बातें रविवार को गैसड़ी कोतवाली क्षेत्र में स्थित दलित छात्रा के गांव पहुंचे अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने प्रेस वार्ता में कहीं। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि दलित बिटिया के घर जाकर उसके नाना, पिता, माता, भाई व बहन आदि से बातचीत की गई। परिवारीजनों ने बिटिया को इंसाफ दिलाने तथा पीड़ित परिवार को मदद दिए जाने की मांग की। परिवार को यह आश्वस्त किया गया है कि बिटिया को हर हाल में न्याय दिलाया जाएगा और परिवार को हर संभव सरकारी सहायता दी जाएगी।
बलरामपुर( Balrampur) डीएम कृष्णा करूणेश परिवार की निगरानी करेंगे और उन्हें हर संभव मदद उपलब्ध कराएंगे। दोनों अधिकारियों ने माना कि दलित छात्रा( Dalit Student ) के साथ क्रूरता हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत से पहले बिटिया के शरीर पर चोट के 10 निशान पाए गए हैं। बिटिया की आंख व मुंह बंद था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बिटिया की मौत लिवर व आंत फटने तथा अत्यधिक रक्तस्राव व प्राइवेट पार्ट में भी चोट व खून के थक्के पाए गए हैं।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि यह बात तय हैं कि मौत से पहले दलित बिटिया के साथ सामूहिक दुष्कर्म तथा दरिंदगी की गई है। पुलिस ने आरोपी शाहिद, शाहिल, सगीर और मो. रफीक को पहले ही जेल भेज चुकी है। परिवारीजन की मांग पर सभी आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। पूछताछ में यदि किसी अन्य के घटना में शामिल होने की पुष्टि होती है तो उसे भी जेल भेजा जाएगा। सभी आरोपियों पर रासुका (NSA)के तहत कार्रवाई की जाएगी। आरोपियों को शीघ्र सजा दिलाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट पर मुकदमा चलाकर पैरवी की जाएगी।