सीबीआई ( CBI ) ने अब हाथरस ( Hathras ) की एक दलित युवती के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है। योगी सरकार ने हाथरस कांड की जांच के लिए सीबीआई को संस्तुति पत्र भेजा था। केंद्र सरकार की डीओपीटी विभाग के नोटिफिकेशन के बाद सीबीआई ( CBI ) ने हाथरस केस को टेकओवर किया है। जल्द सीबीआई हाथरस केस की जांच शुरू करेगी।
अभी तक हाथरस कांड ( Hathras Case )की जांच एसआईटी कर रही थी। हाल ही में इस जांच को पूरा करने के लिए यूपी सरकार ने 10 दिनों का और वक्त दे दिया था, ताकि सच सामने आ सके। माना जा रहा था कि इस मामले में लगातार बढ़ते पेच की वजह से सरकार ने ये फैसला लिया, लेकिन अब ये मामला सीबीआई ( CBI ) के पास पहुंच गया है। 3 अक्टूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस केस की जांच सीबीआई से कराए जाने के आदेश दिए थे। योगी सरकार के इस आदेश के बाद गैंगरेप पीड़िता की भाभी ने कहा था कि हम सीबीआई जांच नहीं चाहते हैं। केस की न्यायिक जांच होनी चाहिए. हम जज की निगरानी में जांच चाहते हैं।
बता दें कि 14 सिंतबर को चंदपा के चार युवकों ने कथित रूप से 19 वर्षीय युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म (Gange Rape )किया था। पीड़िता ने 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था। 30 सितंबर को पीड़िता का अंतिम संस्कार किया गया।इस मामले में एसआईटी की जांच के आधार पर एसपी समेत कई पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया गया है।
बिटिया की मौत के मामले में 12 अक्तूबर को बिटिया के परिजन हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के समक्ष प्रस्तुत होंगे। परिजन कड़ी सुरक्षा के बीच हाईकोर्ट जाएंगे। पुलिस ने उनकी सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए हैं।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने बिटिया के मामले को स्वत: संज्ञान लिया था। अधिकारियों को 12 अक्तूबर को तलब किया गया है। वहां कुछ उच्चाधिकारियों के अलावा डीएम और एसपी को भी बुलाया गया था। बिटिया का परिवार भी बुलाया गया था। हाईकोर्ट का यह संदेश खुद प्रभारी जिला जज पीड़ित परिवार से मिलकर दे गए थे। पीड़ित परिवार को कड़ी सुरक्षा के बीच पुलिस यहां से लेकर जाएगी और उसके बाद फिर घर पर छोड़कर आएगी।