केरल( Kerala ) सोना तस्करी मामले ( Kerala gold smuggling case ) में आतंकी संपर्कों की जांच कर रहे राष्ट्रीय जांच एजेंसी )ने विशेष ( NIA ) अदालत में बताया कि इस रैकेट में अंडरवर्ल्ड दाऊद इब्राहिम ( Dawood Ibrahim ) के गिरोह की भूमिका हो सकती है। एजेंसी ने कहा कि सोने की तस्करी से मिलने वाले मुनाफे का इस्तेमाल राष्ट्रविरोधी गतिविधियों और आतंकी कृत्यों में होने की संभावना संबंधी खुफिया जानकारी है। इसमें कहा गया है कि मामले में जांच को आगे बढ़ाने के लिए 180 दिन तक सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में रखा जाना अत्यंत आवश्यक है। एजेंसी ने सभी आरोपियों की जमानत याचिकाओं का विरोध किया।
एनआईए ने कहा कि हिरासत के दौरान मामले के पांचवें आरोपी रमीज ने खुलासा किया है कि वो तंजानिया में एक हीरा कारोबार शुरू करने वाला था और इसके बाद वह तंजानिया में एक सोने का खनन लाइसेंस प्राप्त लेने की कोशिश में था। उसने तंजानिया से सोना लाने और यूएई में बेचने के बारे में भी बताया। एजेंसी ने अपनी दलील में यूएन सिक्योरिटी काउंसिल सैंक्शन्स कमिटी की ओर से दाऊद इब्राहिम ( Dawood Ibrahim ) पर की गई टिप्पणी का भी ज़िक्र किया है।
विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने गुरुवार को बताया कि एनआईए ( Dawood Ibrahim )की डी-कंपनी से कनेक्शन है। यह एक गंभीर मसला है। मुझे यकीन है कि एनआईए और गृह मंत्रालय (MHA) यह सुनिश्चित करने के लिए उचित कार्रवाई करेगा कि आरोपियों के खिलाफ यूएपीए आरोपों की पुष्टि की जाए।
ने कहा है कि केरल सोने की तस्करी के आरोपियों का दाऊद इब्राहिमविदेश राज्य मंत्री ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय को भी इस मामले में शामिल लोगों के साथ जोड़ा गया है। इसलिए स्वाभाविक रूप से उन्हें सरकार के भीतर शक्तिशाली लोगों से संरक्षण प्राप्त हुआ। यही कारण है कि केरल भाजपा ने मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की है।
केरल के भाजपा प्रमुख के सुरेंद्रन ने कहा है कि डी कंपनी और आईएसआईएस के साथ सोने की तस्करी मामले में आरोपियों के संबंध मिले हैं। वहीं, राज्य सरकार इन तस्करों को बचाने में लगी हुई है। सीएम ने अपना नैतिक अधिकार खो दिया है, इसलिए हम मांग करते हैं कि वह तुरंत इस्तीफा दे दें।
केरल सोना तस्करी मामले ( Kerala gold smuggling case ) की प्रमुख आरोपित स्वप्ना सुरेश ( Swapna Suresh )को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत मिल गई है। वह अभी जेल में ही रहेगी, क्योंकि सोना तस्करी से संबंधित अन्य मामलों में भी उसे गिरफ्तार किया गया है। एनआइए ने उसके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम का भी प्रयोग किया है। कोर्ट ने स्वप्ना की जमानत अर्जी पर पिछले सप्ताह फैसला सुरक्षित रख लिया था। उसे सीमा शुल्क विभाग द्वारा की जा रही जांच से संबंधित मामले में भी जमानत मिल चुकी है। सीमा शुल्क ने 60 दिनों की निर्धारित समयसीमा के भीतर अंतिम रिपोर्ट दाखिल नहीं कराई, जिस कारण उसे जमानत मिल गई।