मेडिकल की पढ़ाई के लिए होने वाली नीट ( NEET ) परीक्षा का परिणाम शुक्रवार को जारी कर दिया गया। इस बार की नीट परीक्षा में बाजी मारी है ओडिशा( Odisha ) के रहने वाले शोएब आफताब ( Soyeb Aftab )ने। 18 वर्षीय शोएब आफताब ने 720 में से पूरे 720 अंक हासिल कर इतिहास रच दिया है। वह ओडिशा ( Odisha ) के पहले ऐसे छात्र बन गए हैं जिसने इस परीक्षा में पहला स्थान हासिल किया है।
100 फीसदी अंक पाने वाले शोएब आफताब ( Soyeb Aftab )ने राजस्थान के कोटा में स्थित एक संस्थान से कोचिंग ली थी। बता दें कि इस साल इस परीक्षा का आयोजन वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के साये के बीच हुआ था। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने इस परीक्षा का आयोजन 13 सितंबर को करवाया था। इसमें करीब 14 लाख छात्र-छात्राएं शामिल हुए थे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शोएब ने केवल 100 प्रतिशत का रिकॉर्ड नहीं बनाया है। वह ( NEET ) नीट परीक्षा में टॉप करने वाले ओडिशा के पहले छात्र भी हैं। देश की प्रतिष्ठित परीक्षा में टॉप करने वाले छात्र शोएब की जिंदगी इतनी आसान नहीं रही है। वह जब आठवीं कक्षा में थे, उस वक्त उनके पिता को अपने बिजनेस में काफी नुकसान हुआ था। इसके बाद छात्र के पिता ने अपना व्यापार बदल दिया था। वहीं इसके बाद से शोएब को इस बात का भरोसा नहीं था कि अब उनकी परिस्थितियां ऐसी होंगी कि वह कोटा( Kota )में जाकर कोचिंग कर सकें। लेकिन उनके परिवार ने उनका साथ दिया और उन्हें कोचिंग कराई।
मीडिया रिपोर्ट में बातचीत के दौरान शोएब बताते हैं कि, ‘ मेरे पिता के बिजनेस में नुकसान होने के बावजूद मुझे कोटा में कोचिंग कराई और मेरी मां मेरा सपना पूरा करने के लिए मेरे साथ कोटा में रहीं, जिससें में अपनी पढ़ाई पर फोकस कर सकूं। शोएब ( Soyeb Aftab )ने आगे बतया कि, वह शुरुआत में पढ़ाई में इतने अच्छे नहीं थे। कक्षा 11 में उनके अंक ठीक नहीं आए थे। लेकिन बाद में उन्होंने पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करना शुरू किया और फिर वह स्कॉलरशिप पाने के योग्य हो गया था। शोएब ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां को दिया। उन्होंने कहा कि आज उन्होंने जो भी कामयाबी हासिल की है कि, उसके पीछे सिर्फ उनकी मां हैं, उनकी वजह से ही उन्हें यह सफलता हासिल हुई है।
बता दें कि नीट परीक्षा के जरिए देशभर के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस और बीडीएस में प्रवेश मिलता है। इस परीक्षा में छात्रों को ऑल इंडिया रैंक के अनुसार देश के शीर्ष चिकित्सा संस्थानों में एडमिशन मिलता है। कोरोना महामारी के चलते इस साल स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए ये परीक्षा आयोजित कराई गई थी।