इलाहाबाद हाईकोर्ट( High Court )की लखनऊ पीठ ने माफिया डॉन मुख्तार अंसारी ( Mukhtar Ansari ) के दो बेटों के खिलाफ दर्ज फर्जीवाड़ा के आरोपों की एफआईआर मामले में उनकी गिरफ्तारी पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है। कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार समेत अन्य पक्षकारों को जवाबी हलफनामा दाखिल करने को चार हफ्ते का समय दिया है। इसके बाद दो हफ्ते में याचियों की तरफ से जवाब दाखिल किया जा सकेगा।
हाईकोर्ट ( High Court )ने इस समय के तुरंत बाद याचिका को सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए हैं। तब तक याचियों की इस केस में गिरफ्तारी पर रोक रहेगी। हालांकि, कोर्ट ने साफ कहा कि इस केस की तफ्तीश जारी रहेगी और दोनों याची विवेचना करने वाली एजेंसी को पूरी तरह से सहयोग करेंगे।
न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सरोज यादव की खंडपीठ ने यह आदेश बुधवार को मुख्तार अंसारी के दो बेटों अब्बास अंसारी और उमर अंसारी की याचिका पर सुनवाई के बाद दिया।
याचिका में राजधानी की हजरतगंज कोतवाली में उनके खिलाफ दर्ज कराई गई प्राथमिकी को रद्द करने की गुजारिश करते हुए आरोपियों की इस प्रकरण में गिरफ्तारी पर रोक लगाने का आग्रह किया गया था। इसमें शहर के डालीबाग इलाके में कथित निष्क्रान्त सम्पत्ति पर घर का नक्शा एलडीए से मंजूर कराने में फर्जीवाड़ा करने आदि के आरोप हैं। कोर्ट( High Court ) के इस अंतरिम आदेश से मुख्तार के दोनों बेटों को इस केस में फिलहाल बड़ी राहत मिली है।
पीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से इसका जोरदार विरोध किया गया। महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह का कहना था कि यह याचिका पोषणीय नहीं है। यह भी तर्क दिया गया कि वे अग्रिम जमानत का आवेदन कर सकते हैं। उन्हें याचिका दाखिल कर एफआईआर को चुनौती देने का अधिकार नहीं है।