Sunday, April 20, 2025

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संघ प्रमुख मोहन भागवत बोले- चीन के साम्राज्यवादी स्वभाव के सामने भारत तन कर खड़ा हुआ, कोई हमारी दोस्ती को दुर्बलता न समझे

दशहरे के मौके पर )    ( ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने कोरोना वायरस महामारी के नियंत्रण को लेकर सरकार की तारीफ की। उन्होंने कहा कि विश्व के अन्य देशों की तुलना में भारत संकट की इस परिस्थिति में अधिक अच्छे प्रकार से खड़ा हुआ दिखाई देता है।

 ( )घुसपैठ का जिक्र करते हुए भागवत ने कहा कि भारत के शासन, प्रशासन, सेना तथा जनता ने इस आक्रमण के सामने अड़ कर खड़े होकर अपने स्वाभिमान, वीरता का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि हम सभी से मित्रता चाहते हैं लेकिन हमारी सद्भावना को दुर्बलता नहीं समझना चाहिए।

चीन कई देशों-ताइवान, वियतनाम, यू.एस., जापान और भारत के साथ लड़ रहा है। लेकिन भारत की प्रतिक्रिया ने चीन को परेशान कर दिया है।’भागवत ने यह भी कहा कि   ( ) के साम्राज्यवादी स्वभाव के सामने भारत तन कर खड़ा हुआ है, जिससे पड़ोसी देश के हौसले पस्त हुए हैं। कोई भी देश हमारी दोस्ती को कमजोरी न समझे।

विजयादशमी ( ) के मौके पर रविवार को संघ प्रमुख मोहन भागवत  (  ने नागपुर  (  ) स्थित मुख्यालय में शस्त्र पूजा की। कोरोना के चलते इस बार केवल 50 लोग मौजूद थे।

 उन्होंने कहा कि राम मंदिर पर 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट का असंदिग्ध निर्णय आया। एकमत से निर्णय था, सारे देश ने समाज ने उसे स्वीकार किया। हर्षोल्लास का विषय होने के बाद भी संयम से उसे मनाया।

हम कह सकते हैं कि सारी परिस्थिति में कोरोना महामारी से होने वाला नुकसान भारत में कम है, इसके कारण कोरोना की बीमारी कैसे फैलेगी इसे समझकर हमारे शासन-प्रशासन ने उपाय बताए। उनका अमल हो, इसकी तत्परता से योजना की। उन्होंने इसका बढ़ा-चढ़ाकर इसका वर्णन किया, जिससे जनता में भय आ गया। लेकिन उसका फायदा भी हुआ कि जनता अतिरिक्त सावधान हो गई।

  भागवत ( Mohan Bhagwat)  ने कहा कि     में सारा समाज दूसरों की चिंता करने में जुट गया। लोग सहायता लेकर गए तो लोगों ने यह तक कहा कि हमारे पास सात दिन का राशन है, जिसे जरूरत है उसे दीजिए। संकट में लोगों ने परस्पर सहयोग दिखाया। अंग्रेजी में इसे सोशल कैपिटल कहते हैं, लेकिन यह हमारे संस्कारों में हैं। बाहर से आकर हाथ-पैर धोना, सफाई का ध्यान रखना यह हमारा सांस्कृतिक संचय है, यह हमारे व्यवहार में आ गया।

भागवत(  Mohan Bhagwat)   ने कहा कि हमारे यहां अनेक दल हैं। एक दल प्रयास करता है कि अगले चुनाव में सत्ता बदल जाए और हम बैठ जाएं, यह प्रजातंत्र में चलता है। लेकिन यह स्पर्धा है, इसे स्वस्थ रूप से होना चाहिए, लेकिन हमारे भेद से समाज में विभाजन और कटुता पैदा हो, यह राजनीति नहीं है। यह ठीक नहीं है। भारत को दुर्बल करने के लिए विभाजित समाज बनाने के लिए कोशिश करने वाली शक्तियां हैं। दुनिया में भी हैं और भारत में भी हैं।

संघ प्रमुख  भागवत (  ने कहा कि कुछ लोग देश को भटका रहे कुछ लोग ‘भारत के टुकड़े हों’ कहते नजर आते हैं, वे संविधान और समाज के रखवाले बताकर समाज को उलटी पट्‌टी पढ़ाते हैं। बाबा साहब अंबेडकर ने जिसे अराजकता कहा है, ऐसी बातें सिखाने वाले ये लोग हैं। ये अपने निहित स्वार्थों के लिए ऐसी बात करते हैं।उन्होंने कहा कि हमने देश में तनाव पैदा करने वाले सीएए विरोधों को देखा।

इससे पहले कि इस पर आगे चर्चा की जा सके, इस साल कोरोना पर ध्यान केंद्रित किया गया। इसलिए, कुछ लोगों के दिमाग में सांप्रदायिक भड़कना था, जो कि केवल उनके दिमाग में ही रहा। कोरोना ने इन सभी विषयों को ढक दिया।

नागपुर में होने वाले ( Rashtriya Swayamsevak Sangh)  के इस कार्यक्रम में हर साल किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया जाता है। इस बार  ) के कारण किसी बाहरी व्यक्ति को कार्यक्रम में नहीं बुलाया। इस बार नागपुर में जयघोष और पथ संचलन भी नहीं किया गया।

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels