सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले ( Babri Masjid Demolition )में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत सभी 32 आरोपियों को बरी करने वाले सीबीआई की विशेष अदालत के पूर्व न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार यादव( retired judge SK Yadav )की सुरक्षा बढ़ाने से सोमवार को इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ पूर्व न्यायाधीश के आवेदन पर विचार कर रही थी जिसमें उन्होंने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए अपनी निजी सुरक्षा को जारी रखने का आग्रह किया था।
सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) की इस पीठ में न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी भी शामिल हैं। पीठ ने कहा, ‘पत्र देखने के बाद हम सुरक्षा प्रदान करना उचित नहीं समझते हैं।’ 30 सितंबर को सीबीआई की विशेष अदालत ने सभी आरोपियों को बरी करते हुए कहा था कि अयोध्या में विवादित ढांचे को गिराने के लिए इन लोगों के किसी भी साजिश का हिस्सा होने के कोई निर्णायक सबूत नहीं हैं। सुरेंद्र कुमार यादव ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिन इस मामले पर फैसला सुनाया था।बता दें कि बाबरी विध्वंस ( Babri Masjid Demolition ) पर फैसला सुनाने के बाद सुरेंद्र कुमार यादव रिटायर हो गए।
लखनऊ स्थित सीबीआई की स्पेशल कोर्ट जज सुरेंद्र कुमार यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा था 6 दिसंबर को गिराए गए विवादित ढांचे को कि ढांचा ध्वंस ( Babri Masjid Demolition ) की घटना पूर्वनियोजित नहीं थी। यह एक आकस्मिक घटना थी। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले, बल्कि आरोपियों ने उन्मादी भीड़ को रोकने की कोशिश की थी।