जम्मू-कश्मीर ( Jammu and Kashmir) में आंतकवाद के खिलाफ सेना का ताबड़तोड़ ऐक्शन आज भी जारी रहा, पुलवामा (Pulwama) जिले के पांपोर ( Pampore ) इलाके में सुरक्षाबलों ने करीब 20 घंटे चले ऑपरेशन ने दो आतंकियों को मार गिराया।जबकि एक आतंकी ने आत्मसमर्पण कर दिया है। पुलिस ने इनके पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद किया है।
आत्म समर्पण करने वाले आतंकी की पहचान खाबर सुल्तान मीर के रूप में हुई है।आतंकी के सरेंडर को ड्रोन से रिकॉर्ड किया गया। वहीं क्रास फायरिंग में घायल हुए दो स्थानीय नागिरकों में से आज सुबह एक की मौत हो गई। मृतक की पहचान 20 वर्षीय आबिद मीर पुत्र अब्दुल हमीद मीर निवासी मीज के तौर पर हुई है। एमएमएचएस अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि आबिद ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
पांपोर ( Pampore ) में गुरुवार देर शाम सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई थी। सुरक्षाबलों ने आतंकियों की मौजूदगी की सूचना पर पूरे इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया।
आज शुक्रवार तड़के सुरक्षाबलों( Pampore Encounter ) ने मकान में छिपे 3 आतंकवादियों में से एक को ढेर कर दिया। जब सुरक्षाबलों को पता चला कि मकान में मौजूद दो आतंकियों में एक स्थानीय आतंकी भी शामिल है तो उन्होंने दोनों को एक बार फिर आत्मसमर्पण करने का मौका दिया। सुरक्षाबलों की अपील को मानते स्थानीय आतंकी हथियार डालने को तैयार हो गया।आत्मसमर्पण करने वाले आतंकी की पहचान खाबर सुल्तान मीर पुत्र मोहम्मद सुल्तान निवासी पांपोर के रूप में हुई है।
मकान में माैजूद तीसरे आतंकी को आत्मसमर्पण करने के लिए कई बार अपील की गई परंतु उसने सुरक्षाबलों की बात न मानते हुए

गोलीबारी जारी रखी। दोपहर बाद सुरक्षाबलों ने दूसरे आतंकी को भी ढेर कर दिया। हालांकि मारे गए दोनों आतंकियों की पहचान अभी बताई नहीं गई है।परंतु सुरक्षाबलों ने सर्च ऑपरेशन चलाने के बाद मुठभेड़ स्थल से हथियार व गोलाबारूद बरामद करने के बाद ऑपरेशन को समाप्त करने की घोषणा कर दी।
पांपोर मुठभेड़ में आत्मसमर्पण करने वाले आतंकी खाबर सुल्तान के बयान से स्पष्ट होता है। सुरक्षाबलों की अपील पर लाइव मुठभेड़ के दौरान आत्मसमर्पण करने वाले पांपोर के इस स्थानीय आतंकी का कहना था कि आतंकवाद कुछ भी नहीं है, इसमें सिर्फ झूठ और फरेब है। युवाओं से झूठ बोलकर और उन्हें लालच देकर आतंकवाद में धकेला जा रहा है।खाबर सुल्तान ने कहा आज वह सेना के जवानों और जम्मू-कश्मीर पुलिस का शुक्रगुजार है कि उन्होंने उसे फिर से जिंदगी जीने का मौका दिया। उसने कश्मीर के भटके हुए अन्य युवाओं से भी अपील की कि वे झूठ और फरेब का रास्ता छोड़ मुख्यधारा में वापस लौट आएं। खाबर सुल्तान ऐसा पहला आतंकी नहीं है जिसने सुरक्षाबलों के कहने पर आतंकवाद का रास्ता छोड़ा हो। इससे पहले भी स्थानीय आतंकी सुरक्षाबलों तथा परिजनों की अपील पर आतंकवाद का रास्ता का छोड़ मुख्यधारा में लौट आए हैं। सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन मां चलाकर भी कई युवाओं को मुख्यधारा में वापस लाया है। सैन्य अधिकारियों का कहना है कि उनका मकसद गुमराह हुए युवाओं को एक बार फिर से मुख्यधारा में वापस लाना है।