ताजमहल (Taj Mahal ) का शहर आगरा( AGRA) में तेजी से बढ़ रहे प्रदूषण का स्तर रविवार को देश में सबसे अधिक हो गया। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 458 पर पहुंच गया। यह बेहद खतरनाक स्थिति है। चिकित्सकों ने बताया इससे कि लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। वहीं सुबह से लेकर रात तक धूल कणों की मात्रा 500 के आसपास ही बनी रही। इसकी बड़ी वजह शहर में 450 किमी सड़कों की खोदाई और धूल नियंत्रण के उपाय न किया जाना है।
ताजनगरी आगरा( AGRA) की हवा में खतरनाक कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा रविवार को सामान्य से 47 गुना तक ज्यादा पहुंच गई, वहीं बेहद सूक्ष्म कण (धूल कण) सामान्य से 9 गुना ज्यादा रहे।
आगरा ( AGRA) में गैस चेंबर जैसी स्थिति शनिवार से लेकर रविवार तक रही। कॉर्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा सबसे ज्यादा बढ़ी है। जहरीली गैसों की मात्रा में शनिवार को शाम 4 बजे के बाद एकाएक उछाल आना शुरू हुआ और देर रात 12 बजे धूल कणों की मात्रा 500 के पार पहुंच गई, जो रविवार को बनी रही।
शहर में 450 किमी सड़कों की खोदाई चल रही है। इस कारण धूल उड़ रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी की गई सूची में आगरा के बाद गाजियाबाद देश का दूसरा और भिवाड़ी तीसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा। देश के सबसे प्रदूषित 10 शहरों में पांच शहर उत्तर प्रदेश के हैं।
पर्यावरणविद डा. शरद गुप्ता ने बताया कि शहर में वायु प्रदूषण बढ़ने से सांस लेना दूभर हो चुका है। उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार विभागों को केवल नोटिस देकर पल्ला झाड़ रहा है। उसे वायु प्रदूषण करने वालों पर पर्यावरण को क्षतिपूर्ति पहुंचाने का जुर्माना लगाना चाहिए।