मध्यप्रदेश ( Madhya Pradesh )में राजनीतिक संबंधों के कारण चर्चित कंप्यूटर बाबा (नामदेव दास त्यागी) (Computer Baba ) के इंदौर (Indore) में जम्बूड़ी हप्सी गांव में सरकारी जमीन पर बना आश्रम रविवार सुबह ढहा दिया गया। इस दौरान विरोध करने पर पुलिस ने बाबा सहित सात लोगों को धारा 151 की तहत जेल भेज दिया। कार्रवाई अभी चल रही है।
अधिकारियों ने बताया कि अतिक्रमण हटाने के लिए बाबा (Computer Baba ) को पहले नोटिस भी दिए गए थे। दो हजार रुपये का अर्थदंड लगाते हुए शासकीय भूमि से बेदखल करने का आदेश भी पारित किया गया था। बाबा ने यहां दो एकड़ शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा करके आश्रम, शेड और पक्के निर्माण कर लिए थे। यहां एयर कंडीशंड कमरे और उनमें आधुनिक सुख-सुविधा का सामान जुटा रखा था। यहां तीन सर्वे नंबरों की करीब 46 एकड़ शासकीय भूमि है। वर्ष 2000 में जिला योजना समिति ने यह जमीन गौशाला के लिए दी थी।
कम्प्यूटर बाबा के अहिल्यापुरी एक्सटेंशन में और सुपर कॉरिडोर पर करीब साढ़े तीन हजार वर्गफीट एरिया में भी कब्जे मिले हैं। इसमें अहिल्यापुरी मामले में निगम द्वारा जांच हो रही है। इन सभी जगहों पर भी अब जल्द कब्जे हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
मध्य प्रदेश ( Madhya Pradesh )में कमलनाथ ( Kamal Nath ) की अगुवाई वाली पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में नदी संरक्षण न्यास के अध्यक्ष रहे कम्प्यूटर बाबा (Computer Baba ) समेत सात लोगों को सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण ढहाए जाने के अभियान के दौरान रविवार सुबह एहतियातन गिरफ्तार किया गया। पुलिस अधीक्षक (पश्चिमी क्षेत्र) महेशचंद्र जैन ने बताया कि इंदौर शहर से सटे जम्बूर्डी हप्सी गांव में कम्प्यूटर बाबा के आश्रम परिसर में प्रशासन द्वारा अवैध निर्माण ढहाए जाने के दौरान दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 151 (संज्ञेय अपराध घटित होने से रोकने के लिये की जाने वाली एहतियातन गिरफ्तारी) के तहत यह कदम उठाया गया।
बाबा के आश्रम से एक 315 बोर की बंदूक और एयर गन भी मिली है। गांधी नगर थाना प्रभारी अनिल सिंह के चौहान के मुताबिक जो हथियार जब्त हुआ है उसका लाइसेंस था, पुलिस अब इसकी वैधता सीमा की जांच कर रही है। गांधी नगर थाना प्रभारी अनिल सिंह के चौहान के मुताबिक जो हथियार जब्त हुआ है उसका लाइसेंस था, पुलिस अब इसकी वैधता सीमा की जांच कर रही है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने पिछले कार्यकाल में कंप्यूटर बाबा को मंत्री का दर्जा दिया था लेकिन जब चुनाव आए तो वे कांग्रेस के पाले में चले गए। पिछले दिनों संपन्न हुए 28 सीटों के विधानसभा उपचुनाव में उन्होंने कांग्रेस का खुलकर साथ दिया था।
बाबा का तालुल्क राजनीति से रहा है। इसलिए, उन्होंने लोकसभा चुनाव में साध्वी प्रज्ञासिंह का विरोध किया था और कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के समर्थन में यज्ञ किया था। दिग्विजय सिंह ने बाबा का आश्रम तोड़े जाने को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया है।