
रामनगरी अयोध्या (Ayodhya) आंगन से बहती देश की पंच नदियों में से एक,पतित-पावनी सरयू ( Sarayu river) । इसमें झिलमिल करते दीपकों (Diwali) से रौशन घाट और आसमान के चांद-सितारों का सरयू में प्रतिबिम्ब। कुल मिला कर यही अहसास हो रहा था मानो अपने राम के स्वागत में सितारे भी जमी पर उतर आये हों।
रामजन्मभूमि पर राम मंदिर (Ram Temple) निर्माण की आधारशिला रखे जाने के बाद यह पहली दिवाली है। ऐसे में इस बार दीपोत्सव की खास तैयारियां की गईं हैं। पूरी अयोध्या को सजाया गया है। सरयू तट पर 5.51 लाख दीये जलाकर विश्व कीर्तिमान बनाया गया है। इसे गिनीज बुक ऑफ द वर्ल्ड रिकार्ड ने दर्ज किया है। इसे गिनीज बुक ऑफ द वर्ल्ड रिकार्ड ने दर्ज किया है। इस आयोजन की तैयारियां पिछले कई दिनों से चल रही हैं। करीब 10 लाख वालंटियर इसकी तैयारियों में जुटे थे। केवल सरयू के अलग अलग घाटों पर ही पांच लाख 84 हजार दीप जलाए गए। इसके अलावा भी अयोध्या के अलग अलग हिस्सों में लाखों दीप जले हैं। रामकी पैड़ी की रौनक तो देखते ही बन रही है। इस दौरान अद्भुत फ्यूजन का नजारा भी देखने को मिला। नीचे दीये जल रहे हैैं तो ऊपर लेजर शो के जरिये श्रीराम से जुड़े कथानकों का प्रदर्शन हो रहा है।
अयोध्या (Ayodhya )में दीपोत्सव का यह चौथा साल था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath )के अयोध्या से निजी लगाव के नाते हर दीपोत्सव अपने में खास रहा, इस बार तो और भी। इसकी वजह भी रही। करीब पांच दशक बाद वह अवसर आया था जब पहली बार राम जन्मभूमि पर भी खुशियों के दीपक जले। इस शुभ घड़ी के लिए न जाने कितने साधु-संतों ने कुर्बानी दी। कितने लोग इस सपने को संजोए हुए ब्रह्मलीन हो गए। ऐसे में इस खास मौके के नाते सरकार ने इसे खास बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी थी। रही-सही कसर अपने आराध्य के स्वागत में लोगों की वर्चुअल सहभागिता ने पूरी कर दी।
अयोध्या(Ayodhya )के सरयू के रामघाट पर सरयू की आरती के बाद वैदिक मंत्रों के बीच छह लाख छह हजार 569 दीपों के जलाने का रिकॉर्ड बनता है। साथ ही अगले साल 7.51 लाख दीपों के जलाने की घोषणा भी। इस अवसर पर साकेत विश्वविद्यालय और पोस्ट ऑफिस विभाग की ओर से दिव्य दीपोत्सव का कवर भी जारी किया गया। भविष्य के अयोध्या को केंद्र में रखकर सूचना विभाग की ओर से एक लघु फिल्म भी दिखाई गई।