प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi ) ने लगातार 7वीं बार जवानों के साथ दिवाली मनाई। इस बार वे जैसलमेर ( Jaisalmer ) में लोंगेवाला पोस्ट पहुंचे। 40 मिनट के भाषण में उन्होंने कहा कि सीमाओं की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। चीन (China )और पाकिस्तान( Pakistan )को चेतावनी दी कि किसी ने आजमाने की कोशिश की तो प्रचंड जवाब मिलेगा।
इस बार वह जवानों के साथ दिवाली (Diwali) मनाने के लिए जैसलमेर ( Jaisalmer ) में लोंगेवाला चौकी आए।अग्रिम चौकी पर जवानों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ( PM Modi ) ने नाम लिए बगैर चीन पर निशाना साधा और कहा कि आज पूरा विश्व ‘‘विस्तारवादी’’ ताकतों से परेशान हैं। विस्तारवाद, एक तरह से ‘‘मानसिक विकृति’’ है और 18वीं शताब्दी की सोच को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि इस सोच के खिलाफ भी भारत प्रखर आवाज बन रहा है।
प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान ( Pakistan ) पर भी निशाना साधते हुए कहा कि आज भारत आतंकियों और उनके आकाओं को उनके घर में घुसकर मारता है। इसे पड़ोसी देश में आतंकवादी शिविरों के खिलाफ हवाई और सर्जिकल स्ट्राइल के संदर्भ में देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत हमारे वीर जवानों को देश की सीमा की सुरक्षा करने से रोक नहीं सकती है। आज दुनिया ये जान रही है, समझ रही है कि यह देश अपने हितों से किसी भी कीमत पर रत्ती भर भी समझौता करने वाला नहीं है।
प्रधानमंत्री मोदी ( PM Modi ) ने जवानों से कहा, ”आज के दिन मैं आपसे तीन आग्रह करना चाहता हूं। पहला कुछ न कुछ नवीन (इनोवेट) करने की आदत को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बनाइए। दूसरा योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाए रखिए। तीसरा अपनी मातृभाषा, हिंदी और अंग्रेजी के अलावा, कम से कम एक भाषा जरूर सीखिए। आप देखिएगा, ये बातें आपमें एक नयी ऊर्जा का संचार करेंगी।”
प्रधानमंत्री मोदी ( PM Modi ) ने लोंगेवाला की शानदार लड़ाई को याद करते हुए कहा कि इसे रणनीतिक योजना और सैन्य वीरता के उद्घोषों में हमेशा याद किया जाएगा। इस मौके पर उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के युद्ध में ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी के पराक्रम को सलाम किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ 1971 का युद्ध थल सेना, नौसेना और वायुसेना के बीच अनुकरणीय समन्वय का उदाहरण था।भारत ने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को पराजित कर दिया था।
मोदी वर्ष 2014 में उनकी सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही हर दिवाली अग्रिम चौकियों पर जाते हैं। पिछले साल वह राजौरी गए थे, वर्ष 2018 में उत्तराखंड और 2017 में गुरेज गए थे।