
देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में सर्वोच्च माने जाने वाला केदारनाथ मंदिर (Kedarnath temple ) के आज कपाट बर्फबारी के बीच शीतकाल के लिए प्रातः 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए हैं। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, राज्य मंत्री धन सिंह रावत आदि मौजूद थे।
भगवान केदारनाथ धाम के कपाट आज सुबह 5.30 बजे शीतकाल के लिए विधि-विधान के साथ गर्भ गृह के कपाट बंद कर दिए गए। इस दौरान मंदिर (Kedarnath temple ) के गर्भ गृह के कपाट तो बंद कर दिए गए, लेकिन लगातार हो रही बर्फबारी के कारण मंदिर के द्वार और डोली प्रस्थान में देरी हुई।
इससे पहले ही हुई बर्फबारी से मंदिर बर्फ की सफेद चादर से ढक गया। केदारनाथ धाम में हुई बर्फबारी के बाद मंदिर परिसर में हर तरफ बर्फ ही बर्फ नजर आ रही थी ।
बाबा केदार पंचमुखी भोगमूर्ति चल विग्रह डोली में विराजमान होते हुए शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान करते हुए पहले पड़ाव रामपुर पहुंचेंगे, जबकि 18 को बाबा केदार पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में छह माह की पूजा-अर्चना के लिए विराजमान हो जाएंगे।
भैयादूज के पावन पर्व पर सुबह दो बजे से ही केदारनाथ मंदिर (Kedarnath temple )में विशेष पूजा-अर्चना शुरू हो गई। मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग द्वारा बाबा केदार के स्वयंभू ज्योतिर्लिंग को समाधि रूप देकर भष्म से ढक दिया गया।
केदार बाबा की उत्सव डोली ने मंदिर की परिक्रमा की, जिसके बाद केदार बाबा की डोली अपने प्रथम पड़ाव रामपुर के लिए रवाना हो गई। इस अवसर पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी मौजूद थे मंदिर के कपाट बंद होने के अवसर पर पूरी केदार पुरी केदार बाबा के जयकारों से गूंज उठी। सेना के मधुर बैंड पर धाम में पूरा माहौल भक्त मई हो गया। अब आने वाले छह महीनों तक भगवान भोलेनाथ के दर्शन पंचगद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में भक्त कर सकेंगे। कपाट बंद होने के मौके पर केदारनाथ में भारी बर्फबारी हुई।