उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के प्रतापगढ़ ( Pratapgarh ) प्रताड़ना के चलते आईटीआई के 20 साल के छात्र ने फांसी लगाकर जान दे दी। इसकी जानकारी मिलते ही हड़कंप मच गया। शव के पास पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला जिसमें छात्र ने अपनी मौत के लिए तीन लोगों को जिम्मेदार ठहराया है। पुलिस ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
सुसाइड नोट में उसने लिखा था कि दे आर ब्लैकमेलिंग मी….मैं कायर नही हूं…मैं चाहता हूं मेरी तरह कोई और न मरे…सॉरी पापा… , लेकिन उत्पीड़न के चलते आत्महत्या कर रहा है… सॉरी पापा।
प्रतापगढ़ ( Pratapgarh ) के लालगंज कोतवाली क्षेत्र के बेलहा गांव निवासी जोखूलाल शर्मा उर्फ शंकर का बीस वर्षीय पुत्र धीरेंद्र उर्फ धीरू ( Dheerendra Sharma) प्रतापगढ़ ( Pratapgarh ) शहर में आईटीआई की पढ़ाई कर रहा था। इन दिनों वह घर गया था। शनिवार उसने अपने मकान की दूसरी मंजिल पर बने कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी। घटना के वक्त घर के लोग खेत में काम करने गए थे।
दोपहर में उसकी मां गुड्डी खेत से लौटी तो धीरू को खाना देने छत पर गई। कई बार आवाज देने के बाद भी अंदर से कोई आवाज नहीं आई। रोशनदान से देखा तो उसका शव फंदे से लटक रहा था। चीख पुकार पर गांव के लोग भी पहुंच गए। छात्र के शव के पास से एक सुसाइड नोट मिला जिसमें उसने गांव के ही प्रदीप सिंह पुत्र हीरा सिंह तथा उसके साले व भीष्म सिंह पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए आत्महत्या (suicide ) के लिए जिम्मेदार ठहराया था।
घटना की जानकारी होते ही सीओ जगमोहन और कोतवाल संजय यादव मौक पर पहुंच गए। सुसाइड नोट कब्जे में लेकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। कोतवाल ने बताया कि सुसाइड नोट के आधार पर तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। घटना की छानबीन की जा रही है।