कंगना रनौत ( Kangana Ranaut ) के घर पर मुंबई महानगर पालिका की कार्रवाई को अवैध बताने वाले बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के बाद भारतीय जनता पार्टी शिवसेना ( Shiv Sena ) पर हमलावर हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ( Devendra Fadnavis ) ने अर्णब और कंगना के मामले में सर्वोच्च न्यायालय और बांबे हाईकोर्ट के फैसलों को महाविकास अघाड़ी सरकार के मुंह पर तमाचा बताया है, फैसलों का हवाला देते हुए फडणवीस ने ट्वीट किया कि एक ही दिन दो अदालतों का फैसला सरकार के एक साल के कामकाज पर निचोड़ बताने वाला है। अब सवाल यह है कि क्या सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय को भी महाराष्ट्र विरोधी ठहराया जाएगा।
फडणवीस ने लिखा कि हमारे देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था है सरकार यह बात भूल गई। पुलिस और कानून जनता के संरक्षण के लिए होते हैं उनका उत्पीड़न करने के लिए नहीं। अगर यह बात न्यायालय को बोलनी पड़ रही है तो सवाल यह है कि अपनी विवेक, बुद्धि और संविधान को याद कर ली गई शपथ क्या हमने गिरवी रख दी है। फडवीस ने लिखा कि सत्ता में बैठे नेता अंधे हो गए हैं यह फैसला सरकार के लिए सबक है। विरोध में उठने वाली हर आवाज को कुचला नहीं जा सकता।
भाजपा विधायक ( BJP MLA ) अतुल भातखलकर ( Atul Bhatkhalkar ) ने भी राज्य सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि रनौत को जो नुकसान भरपाई देनी पड़ेगी और मामले में वकील के लिए लगी फीस को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अपनी जेब से देना चाहिए। भातखलकर ने कहा कि उद्धव ठाकरे के अहंकार की तुष्टि के लिए उनके इशारे पर बीएमसी ने बदले की भावना से कार्रवाई की। ‘उखाड़ दिया’ बोलने वालों को बांबे हाईकोर्ट ने अपने फैसले से उखाड़ दिया है। पहले अर्णब गोस्वामी और अब कंगना रनौत मामले में अदालत के फैसले से साफ हो गया है कि सरकार किस तरह बदले की भावना से काम कर रही है। भातखलकर ने कहा कि सरकार ने राज्य में छिपे तौर पर आपातकाल लगा दिया है और विरोधियों पर फर्जी मुकदमे दर्ज कर उन्हें जेल में डाल रही है।
बीजेपी विधायक राम कदम ने कहा कि कंगना रनौत का दफ्तर महाराष्ट्र सरकार ने बदले की भाव से तोड़ा, यह समूचा देश जानता है। आज न्यायपालिका ने इस सरकार को करारा तमाचा दिया है। अन्याय पर आज जीत हुई है। तानाशाही पर आज लोकतंत्र जीत गया है। सिंहासन पर बैठने के बाद सरकारों से राजधर्म का पालन करने की अपेक्षा होती है लेकिन दुर्भाग्य से यह महाराष्ट्र की रावणराज चलाने वाली अहंकारी सरकार केवल और केवल एक साल के बदले के भाव से काम कर रही है।
इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court ) ने शुक्रवार को कहा कि बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) की ओर से अभिनेत्री कंगना रनौत ( Kangana Ranaut ) के बंगले के हिस्से को ध्वस्त करने की कार्रवाई द्वेषपूर्ण कृत्य था और अभिनेत्री को नुकसान पहुंचाने के लिए किया गया था। हाईकोर्ट ने विध्वंस के आदेश को रद्द कर दिया। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि अदालत किसी भी नागरिक के खिलाफ प्रशासन को ‘बाहुबल’ का उपयोग करने की मंजूरी नहीं देता है।
भाजपा नेता किरीट सौमैया ने भी शिवसेना पर हमला बोला। हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए सोमैया ने कहा कि संजय राऊत की बोलती बंद हो गई है। उन्होंने मुंबई की महापौर और मनपा आयुक्त के इस्तीफे की भी मांग की।
बांबे हाईकोर्ट के फैसले पर अभिनेत्री कंगना रनौत ( Kangana Ranaut ) ने खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि जब कोई व्यक्ति सरकार के खिलाफ जीत हासिल करता है तो यह व्यक्तिगत नहीं लोकतंत्र की जीत होती है। उन्होंने समर्थन करने वाले सभी लोगों को धन्यवाद दिया। साथ ही कंगना ने कहा कि जो लोग मेरे टूटे सपनों पर हंसे थे मैं उन्हें भी धन्यवाद देती हूं क्योंकि उन्होंने खलनायक की भूमिका निभाई इसीलिए मैं हीरो हूं।