उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के बलरामपुर( Balrampur) में शुक्रवार की रात पत्रकार राकेश सिंह निर्भीक ( journalist Rakesh Singh) तथा उनके साथी हिंदूवादी नेता पिंटू साहू की जिंदा जलाकर की गई हत्या का मामला तूल पकड़ने लगा है।
पत्रकार राकेश सिंह ( journalist Rakesh Singh) की शवयात्रा से पूर्व उनकी पत्नी विभा सिंह ने कहा कि मुझे पुलिस पर रत्ती भर भी भरोसा नहीं है। यदि दो दिन के अंदर सभी मुजरिम गिरफ्तार नहीं हुए तो वह कलेक्ट्रेट जिलाधिकारी कार्यालय के सामने अपनी दो बेटियों के साथ आत्मदाह कर लेंगी।
उन्होंने पुलिस पर तरह-तरह के आरोप लगाए।आरोप है कि पुलिस आरोपितों को बचाने में लगी है। घटना को लेकर पुलिस उसे तब तक गुमराह करती रही, जब तक पति ने दम नहीं तोड़ दिया।
विभा का कहना है कि उसके पति की सुनियोजित ढंग से हत्या की गई है। जिस कमरे में आग व विस्फोट के बाद दीवार ढही है, उसमें लगे एयर कंडिशनर का केबल तक नहीं जला है। 27 नवंबर की रात कमरे में जिस बेड पर राकेश व उसका साथी लेटा हुआ था, वह राख हो गया, लेकिन पास में रखी लकड़ी की छोटी अलमारी व कॉपी-किताब पर आंच तक नहीं आई। खिड़की के दरवाजे टूट गए, लेकिन उसकी जाली को कोई क्षति न हुई। बताया कि अमूमन कोई प्रार्थना पत्र देने व घटना होने पर पुलिस एक कदम आगे नहीं बढ़ाती है और इस घटना में इतनी सक्रिय हुई कि परिवारजन को भी सूचना देना मुनासिब नहीं समझा। घटना के बाद पुलिस राकेश को लेकर संयुक्त अस्पताल से लखनऊ चली गई। जब उसकी मौत हो गई, तब बताया गया। इस पूरी साजिश में पुलिस की मिलीभगत है।
मौके पर पहुंचे सदर विधायक पलटू राम ने पत्रकार की पत्नी को दो दिन के अंदर आरोपियों की गिरफ्तारी का भरोसा दिलाया और कहा कि विभा सिंह को नौकरी तथा बेटियों को आर्थिक सहायता दिलाई जाएगी। विधायक के आश्वासन के बाद पत्रकार का शव श्मशान घाट के लिए भारी सुरक्षा के बीच रवाना हुआ।
बता दें कि थाना कोतवाली बलरामपुर( Balrampur) देहात के ग्राम कलवारी में राकेश सिंह निर्भीक (35) पत्रकार ( journalist Rakesh Singh) अपनी पत्नी व दो बेटियों के साथ रहते थे। बीते दिन उनकी पत्नी विभा सिंह बेटियों के साथ नगर के मोहल्ला नई बस्ती निवासी अपनी ननद के यहां गई थी।
शुक्रवार रात राकेश ग्राम विशुनीपुर निवासी अपने मित्र पिंटू साहू (36) के साथ अपने घर में थे। दबंगों ने कमरे में बंद कर आग लगा दी थी आग में राकेश और पिंटू बुरी तरह से झुलस गए। कमरे की एक दीवार भी धमाके के साथ क्षतिग्रस्त हो गई। झुलसने के चलते पिंटू साहू की मौके पर ही मौत हो गई। मौके पर पहुंची फायर सर्विस तथा पुलिस की टीम ने आग पर काबू पाया और राकेश को इलाज के लिए जिला संयुक्त चिकित्सालय ले गई।
अस्पताल में राकेश ( journalist Rakesh Singh) चीख-चीखकर कह रहा था कि वह एक बड़ी खबर लिख रहा था। इसी वजह से पंच व प्रधान आदि लोगों ने उसे जिंदा जला दिया। हालांकि उसने अपने बयान में किसी का नाम नहीं लिया है। हालत गंभीर होने पर डॉक्टर ने उसे लखनऊ रेफर कर दिया। पुलिस ने उसे लखनऊ स्थित सिविल अस्पताल में भर्ती कराया। इलाज के दौरान राकेश ने भी दम तोड़ दिया।जिंदा जलाकर मारे गये पत्रकार दंबगों के खिलाफ खुलकर लिखते पुलिस की पोल खोलते थे ।उन्हें कोई दवाव में नहीं ले पाता था ।
जिस कमरे में राकेश सिंह निर्भीक व पिंटू साहू के साथ घटना हुई है उस कमरे के दरवाजे में बाहर से ताला बंद था। इन दोनों के मोबाइल भी कमरे के बाहर मेज पर रखे हुए थे। राकेश की पत्नी का कहना है कि ताला उनके घर का नहीं है। कयास लगाया जा रहा है कि कमरे के बाहर का दरवाजा दबंगों ने ही लॉक किया होगा।