उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) ) के कानपुर (Kanpur ) जिले में सीसामऊ( Seesamau ) थाना क्षेत्र के लक्कड़मंडी के गांधीनगर में शुक्रवार रात शेयर ब्रोकर अलंकार श्रीवास्तव ने अपने सात साल के बेटे रुषांक उर्फ तारुष( Rushank )को गला दबाकर मार दिया था। पुलिस ने आरोपी से पूछताछ की सवाल किया कि बेटे को क्यों मारा? तो उसने बड़े ही सधे तरीके से बोला, सांसारिक ठोकरों से बेटे को मुक्ति दिला दी है। अब शांति से रहेगा।
कानपुर (Kanpur ) के सीसामऊ थाना क्षेत्र के लकड़मंडी निवासी 43 वर्षीय अलंकार श्रीवास्तव( Alankar Srivastava ) एक निजी कंपनी में नौकरी करते थे और शेयर मार्केट का भी काम करते थे। उनकी पत्नी सारिका कन्नौज के रदौरा गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका हैं। परिवार में दो बेटियां 16 वर्षीय तूलिका, 10 वर्षीय गीतिका उर्फ खुशी हैं और 7 वर्षीय बेटा रुषांक उर्फ तारुष ( Rushank )था। शुक्रवार रात अलंकार ने दोनों बेटियों को अश्वगंधा वाला दूध पिलाने के बाद सुला दिया और बेटे तारुष को बाहरी कमरे में ले जाकर सोफे पर लिटा दिया।
सारिका ने बताया कि बेटा( Rushank ) हमेशा अपने पिता के साथ ही सोता था। इसलिए अलंकार भी वहीं पास में दूसरे सोफे पर लेट गए थे। अलंकार ने बेटे को भी दूध पिलाया था। सारिका के मुताबिक सुबह करीब 5:00 बजे अलंकार ने अंदर कमरे में आकर जगाया और बोले, अब सबकुछ ठीक हो गया है अब कोई भी मेरी तरह मेरे बेटे को परेशान नहीं कर पाएगा, बेटा चैन की नींद सो रहा है।
यह सुनकर सारिका तुरंत बाहर के कमरे में आई तो देखा कि सोफे पर रुषांक ( Rushank ) का शव पड़ा था। उसकी चाीख सुनकर दोनों बेटियां जाग गईं और भागकर बाहरी कमरे में आ गईं। बेटे की हत्या की जानकारी पर पूरा परिवार बेहाल हो गया। पड़ोसियों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और पूछताछ के बाद अलंकार को हिरासत में ले लिया। थाना प्रभारी महेश वीर सिंह ने बताया की सारिका की तहरीर पर उसके पति के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि शायद वो अपने जीवन में कई मामलों में नाकाम हुआ है। जिससे उसको अथाह कष्ट हुआ। जिसकी वजह से वो मानसिक तनाव में आ गया। उसको ये लग रहा था कि भविष्य में उसका बेटा भी यही कष्ट झेलेगा। यही सनक उसके दिल और दिमाग में चढ़ गई। जिस वजह से उसने बेटे को मौत के घाट उतार दिया। वहीं उसके किसी तंत्र-मंत्र के जाल में फंसने की भी आशंका जताई जा रही है।
पुलिस के मुताबिक अलंकार कोई नशा नहीं करता है। शिक्षित है, अचानक ऐसी वारदात को अंजाम कैसे दिया। वहीं पड़ोसियों ने बताया कि अलंकार ज्यादा किसी से बातचीत नहीं करता था। खासकर पिछले आठ-दस माह से ज्यादातर गुमसुम रहता था।
पूरे परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है। सारिका का एक तरफ बेटा चला गया तो दूसरी तरफ पति भी जेल चला गया। घर पर दो बेटियां हैं। शायद यही वजह है कि वो वारदात के बाद एफआईआर दर्ज नहीं करवाना चाहती थी। पुलिस के मुताबिक उनका कहना है कि डिप्रेशन में अलंकार ने ऐसा किया है। बेटा तो चला गया कम से कम पति तो बच जाए। क्योंकि अब अफसोस के अलावा और कुछ नहीं बचा है। वहीं परिवार के कुछ लोग भूत प्रेत या तंत्र का अलंकार को शिकार बता रहे हैं।