किसान आंदोलन के बीच नागरिकता संशोधन अधिनियम (Citizenship Amendment Act,) के लागू होने की चर्चा भी शुरू हो गई है। भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय, ( Kailash Vijayvargiya ) ने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) अगले साल जनवरी से लागू हो सकता है।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ( Kailash Vijayvargiya ) ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस ( TMC ) की सरकार शरणार्थियों के प्रति हमदर्दी नहीं रखती है।
उत्तर 24 परगना जिले में ‘आर नोय अन्याय’ (अन्याय और नहीं) अभियान के तहत उन्होंने पत्रकारों से कहा कि हमें उम्मीद है कि सीएए के तहत शरणार्थियों को नागरिकता देने की प्रक्रिया अगले साल जनवरी से शुरू हो जाएगी।’ उन्होंने कहा, ‘केंद्र सरकार ने सीएए को ईमानदार नीयत से पड़ोसी देशों से हमारे देश आए उत्पीड़ित शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए पारित किया था।’
कैलाश विजयवर्गीय ( Kailash Vijayvargiya ) की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के नेता और राज्य के मंत्री फरहाद हाकिम ने कहा कि भाजपा पश्चिम बंगाल के लोगों को मूर्ख बनाने की कोशिश कर रही है। सीएए में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आ गए हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाई, जैन और पारसी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है।
आपको बता दें कि सीएए के खिलाफ और समर्थन में देश में काफी आंदोलन हुए। कोरोना के संक्रमण से पहले दिल्ली का शाहीनबाग सीएए के खिलाफ खड़े प्रदर्शनकारियों का ठिकाना बन गया था। हालांकि बाद में आंदोलन को समाप्त करना पड़ गया, लेकिन तब तक इस मुद्दे ने काफी सुर्खियां बटोर ली थी।