राजस्थान ( Rajasthan ) के 21 जिलों में हुए जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनावों के नतीजे आ गए हैं। 21 जिलों में 636 जिला परिषद सीटों में से 635 के नतीजे आ चुके हैं। 222 पंचायत समितियों के लिए 4371 सदस्यों का रिजल्ट आ चुका है। राज्य में कांग्रेस की सरकार होने और किसान आंदोलन के बावजूद भाजपा को दोनों ही चुनावों में बढ़त मिली है। जिला परिषद की 353 और पंचायत समिति की 1989 सीटों पर भाजपा की जीत हुई है।
राजस्थान ( Rajasthan ) में जिसकी सरकार, उसके पंचायत चुनाव की परंपरा भी टूट गई। दरअसल, इससे पहले तक राजस्थान की सत्ता में जो भी सरकार काबिज होती थी, पंचायत समिति और जिला परिषद चुनाव भी उसकी झोली में ही जाता था, लेकिन इस बार भाजपा ने कांग्रेस की नैया पलट दी।
राजस्थान ( Rajasthan )के इन चुनावों में भाजपा को मिली जीत को भगवा पार्टी का करिश्मा ही कहा जा सकता है। दरअसल, 2003 और 2013 में जब राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार थी, तब जिला परिषद और पंचायत समिति की 70 फीसदी सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। वहीं, वसुंधरा सरकार के दौरान भाजपा ने इन चुनावों की 70 प्रतिशत सीटों पर कब्जा जमाया था, लेकिन इस बार राज्य में कांग्रेस की सरकार है और उसे ही करारी हार का सामना करना पड़ा।
21 जिलों में जिला परिषद के चुनाव हुए। 14 जिलों में भाजपा ( BJP ) का बोर्ड बनना तय है। कांग्रेस का बोर्ड 5 जिलों में ही बन पाएगा। नागौर में 47 में से 20 सीटें भाजपा को मिली हैं। वह राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल की मदद से बोर्ड बना सकती है। डूंगरपुर में BTP का जिला प्रमुख बनेगा।
पूर्व डिप्टी CM सचिन पायलट, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा, सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना और खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना के इलाकों में भी कांग्रेस हार गई।
राजस्थान ( Rajasthan )के पंचायत चुनाव के नतीजों से गदगद बीजेपी ने बुधवार को कहा है कि किसान कृषि सुधारों के पक्ष में है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ( Prakash Javadekar ) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि विपक्ष लंबे समय से कुप्रचार कर रहा है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ”राजस्थान के स्थानीय चुनाव में ट्रेंड रहता है कि राज्य में जिसकी सरकार होती है, उसे ही जीत मिलती है। 2010 में कांग्रेस सरकार के समय कांग्रेस को सफलता मिलती थी। इसके बाद, 2015 में बीजेपी सत्ता में थी। तब बीजेपी को 21 जिला परिषद में सफलता मिली थी और कांग्रेस(Congress ) को सिर्फ 12 जिला परिषद में सफलता मिली। लेकिन इस बार उल्टा हुआ है। यह पहले के ट्रेंड को मतदाताओं ने बदल दिया है। अब वोटर्स बीजेपी के साथ हैं।”
उन्होंने कहा, ”इन चुनावों में 2.5 करोड़ वोटरों में से अधिकतर किसान हैं, इसका मतलब है कि किसान राजस्थान ( Rajasthan में कृषि सुधारों के पक्ष में हैं।” उन्होंने कहा कि चुनाव में कांग्रेस ने पैसे का जोर भी दिखाया, लेकिन उनकी आखिरकार ही हार हुई है। राजस्थान में करोड़ों की संख्या में किसानों ने बीजेपी को वोट दिया, जिससे पता चलता है कि वे बीजेपी के पक्ष में हैं। किसानों ने कृषि सुधारों की वजह से बीजेपी को जनादेश दिया है। जावड़ेकर ने कहा, ”राजस्थान में बीजेपी की जीत और कांग्रेस की हार का मार्जिन काफी अधिक था। पायलट के टोंक जिले में जिला परिषद बीजेपी ने जीती। सरकार के चार बड़े मंत्रियों के जिला परिषद में कांग्रेस की हार हुई है। यह दिखाता है कि हर ओर मतदाता बीजेपी की ओर जा रहा है।”
हाल ही में हैदराबाद में हुए चुनाव के नतीजों पर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि बीजेपी को 49 सीटें मिली हैं। टीआरएस को सिर्फ 55 सीट मिली। वोट टीआरएस से ज्यादा बीजेपी को मिले हैं। वहीं, दुबका विधानसभा में चुनाव काफी महत्वपूर्ण था, क्योंकि चारों ओर मुख्यमंत्री और उनके बेटे का चुनाव क्षेत्र था, लेकिन तब भी इस सीट को बीजेपी ने निकाला। उन्होंने आगे कहा कि अरुणाचल में भी बीजेपी को भारी सफलता मिली है।