पेरिस समझौते( Paris Agreement )को लेकर शनिवार को आयोजित जलवायु महत्वाकांक्षी शिखर सम्मेलन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi ) ने संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत न केवल पेरिस समझौते ( Paris Agreement )के लक्ष्यों को प्राप्त करने के रास्ते पर है, बल्कि उम्मीदों से कहीं और आगे उन्हें ले जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने पेरिस समझौते के पांच साल पूरे होने के मौके पर संयुक्त राष्ट्र ( United Nations )की ओर से आयोजित किए गए वैश्विक जलवायु सम्मेलन ( Climate Ambition Summit 2020 )में अपने विचारों से भविष्य का खाका खींचा। उन्होंने कहा कि आज जैसे-जैसे हम अपनी दृष्टि को और भी ऊंचा करते जा रहे हैं, वैसे-वैसे हमें हमारे अतीत को भी नहीं देखना चाहिए। हमें न केवल अपनी महत्वाकांक्षाओं में बदलाव लाना चाहिए, बल्कि पहले से निर्धारित लक्ष्यों में अपनी उपलब्धियों की समीक्षा भी करनी चाहिए।
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत न केवल अपने पेरिस समझौते ( Paris Agreement )के लक्ष्यों को प्राप्त करने की ओर अग्रसर है, बल्कि इससे कहीं अधिक अपनी अपेक्षाओं को पूरा करने की ओर आगे बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमने साल 2005 के मुकाबले अपनी उत्सर्जन की गति को 21 फीसदी कम किया है। हमारी सौर ऊर्जा क्षमता वर्ष 2014 में 2.63 गीगा वाट थी जो साल 2020 तक आते आते बढ़कर 36 गीगा वाट हो गई है। हमारी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता विश्व में चौथे स्थान पर है। उन्होंने आशा जताई कि यह साल 2022 से पहले बढ़कर 175 गीगा वाट हो जाएगी।
उधर, जलवायु शिखर सम्मेलन के उद्घाटन भाषण में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने विश्व के नेताओं से धरती के बढ़ते तापमान को रोकने के लिए उपायों को अमल में लाने के लिए जलवायु आपातकाल की घोषणा करने की गुजारिश की। इस एकदिवसीय वर्चुअल बैठक को दुनिया के कई नेताओं ने संबोधित किया। गुतेरस ने कहा कि इससे कोई इनकार नहीं कर सकता है कि हम एक गंभीर आपात हालात का सामना कर रहे हैं।
My remarks at the Climate Ambition Summit https://t.co/5NZaGQQOw4
— Narendra Modi (@narendramodi) December 12, 2020