
उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) ) के कानपुर (Kanpur ) जिले में बर्रा-4 में विकास सिंह एक टायर कंपनी में काम करते हैं। विकास सिंह की पत्नी प्रिया (35) ने घर की दूसरी मंजिल पर कमरा अंदर से बंद कर बेटी अनन्या (5)( Ananya ) के साथ फांसी लगा ली। पति सुबह पत्नी के कमरे में पहुंचा तो दरवाजा बंद पाया। परिजनों के साथ मिल कर दरवाजा तोड़ कर अंदर पहुंचे। बेटी और पत्नी का शव पंखे के सहारे फंदे से लटका पाया।
आसपास के लोगों ने बताया कि अनन्या ( Ananya ) जन्म से दिव्यांग थी। जिसका काफी समय से इलाज चल रहा था, लेकिन फायदा नहीं था। इसे लेकर प्रिया काफी तनाव में रहती थी। रात में प्रीति बेटी को पढ़ाने की बात कहकर मकान की दूसरी मंजिल के कमरे में चली गई। जहां उसने बेटी अनन्या का गला घोंटकर हत्या की और बाद में खुद भी फांसी लगाकर आत्महत्या (suicide ) कर ली ।
पांच साल की जिस बेटी को प्रिया ने फांसी पर लटकाने के बाद खुद भी जान दे दी, वह बेटी सात माह में ही पैदा हो गई थी। कई दिनों तक आईसीयू में रखने के बाद जब बेटी प्रिया को दी गई तो उसे अविकसित देखकर वह फफक पड़ी थी। पांच साल तक इलाज कराने के बाद भी ज्यादा फायदा नहीं हुआ।
वह न तो ठीक से बोल पाती थी और न ही ठीक से चल पाती थी। बेटी की यह लाचारी देखकर प्रिया अंदर ही अंदर तिल-तिल घुट रही थी। प्रिया के पति विकास सिंह ने पुलिस को बताया कि अनन्या ( Ananya )के विषय में डॉक्टरों ने पहले ही बता दिया था। इसे लेकर प्रिया बहुत परेशान रहती थी।
समय के साथ अनन्या ( Ananya )बड़ी होती गई लेकिन उसने आम बच्चों की तरह न तो बोलना शुरू किया और न ही चलना शुरू किया। अनन्या को अपने पैरों पर चलाने के लिए महंगे से महंगे डॉक्टर को दिखाया गया। लगातार फिजियोथेरेपिस्ट की निगरानी में रखा गया।
पांच साल की उम्र होते-होते उसके इलाज में 10 लाख रुपये खर्च हो चुके थे। अनन्या की हालत देखकर प्रिया कई बार रात में उठ जाती और रोया करती। विकास ने पुलिस को बताया कि उन्हें इस बात का जरा भी पता होता कि प्रिया अकेले में इतना बड़ा कदम उठा लेगी तो कभी अकेला नहीं छोड़ते। थाना प्रभारी ने बताया कि प्रिया बेटी की बीमारी को लेकर बुरी तरह से अवसाद में चली गई थी। दूसरी तरफ इलाज में खर्च को लेकर भी तनाव में थी। इसी के चलते उसने ऐसा कदम उठा लिया।