चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बल किसी भी हालात से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वे देश की सीमाओं की सुरक्षा में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। फिर चाहे वह धरती पर हो या आसमान में या फिर पानी में। रावत गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) यार्ड पर प्रोजेक्ट 17-ए के तहत बनाए गए पहले फ्रिगेट वॉरशिप ‘INS हिमगिरि'( INS ‘Himgiri’ )के लॉन्च के मौके पर बोल रहे थे।
जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) ने कहा कि कोरोना की आपदा के बीच चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के उत्तर-पूर्वी बॉर्डर पर यथास्थिति बदलने की कोशिश की। जिसकी वजह से यह जरूरी था कि हमारी सेनाएं पूरी तैयारी के साथ हाई-लेवल पर अलर्ट रहें। उन्होंने कहा, मुझे पूरा भरोसा है कि हमारे सशस्त्र बल देश की सुरक्षा धरती, आसमान और पानी हर जगह करने में पूरी तरह सक्षम हैं।
जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) ने कहा कि सरकार अपनी पॉलिसी के जरिए मेक इन इंडिया को प्रमोट करने की हरसंभव कोशिश कर रही है। इसके तहत आत्मनिर्भर भारत का विजन है कि बड़ी संख्या में डिफेंस कॉन्ट्रैक्ट को भारतीय फर्म द्वारा की पूरा किया जाए। इससे हमारे देश में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
पाकिस्तान की ओर से लगातार किए जा रहे सीजफायर वॉयलेशन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए चिंता का सबब बना हुआ है। हमारी सेना उसका मुंहतोड़ जवाब दे रही है। हम पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने कहा, ‘अब समय आ गया है कि हम अपने सिस्टम में वॉरफाइटिंग टेक्नोलॉजी के भविष्य के बारे में सोचना होगा।’
प्रोजेक्ट 17-ए के तहत बनाए जा रहे फ्रिगेट वॉरशिप की खासियत है कि यह दुश्मन के रडार में नहीं आ सकता। GRSE के इस प्रोजेक्ट से भारतीय नौसेना की ताकत में इजाफा होगा। सोमवार को पहले वॉरशिप को CDS
जनरल बिपिन रावत ने इसे लॉन्च किया। सूत्रों के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट के तहत 3 वॉरशिप तैयार किए जाएंगे। दूसरा और तीसरा वॉरशिप साल 2024 और 2025 में मिलने की उम्मीद है।
भारत और चीन के बीच बॉर्डर पर अप्रैल-मई से हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को भारत-चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प भी हुई थी। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन के 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे। सीमा पर तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के बीच डिप्लोमैटिक और मिलिट्री लेवल पर कई राउंड की बातचीत हो चुकी है। भारत ने लद्दाख में चीनी सेना का मुकाबला करने के लिए वहां करीब 60,000 सैनिकों को तैनात किया है।