उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित हाथरस कांड ( Hathras Case ) में सीबीआई ( CBI ) ने शुक्रवार को हाथरस के विशेष न्यायालय अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम में शुक्रवार को सीबीआइ की जांच अधिकारी सीमा पाहूजा ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। दो हजार से अधिक पेज की इस चार्जशीट को दाखिल करने में तीन घंटे लगे। अब इस मामले की अगली सुनवाई चार जनवरी 2021 को होगी।
हाथरस ( Hathras ) के चंदपा थाना क्षेत्र के एक गांव बूलगढ़ी की दलित युवती के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में सीबीआई ने शुक्रवार को चारों आरोपियों के खिलाफ यहां विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट के न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। चारों आरोपी वर्तमान में अलीगढ़ जेल में बंद हैं। सीबीआई ने आरोप पत्र धारा 302, 376 ए, 376 डी, व एससी-एसीटी एक्ट के तहत दाखिल किया है।
हाथरस कांड ( Hathras Case ) में 67 दिन से जांच में जुटी सीबीआइ ने मृतका के अंतिम बयान के आधार पर चार्जशीट तैयार की है। चारों आरोपित गांव के ही संदीप, रामू, रवि और लवकुश का कुछ दिन पूर्व ही पॉलीग्राफ व बीईओएस (ब्रेन इलेक्ट्रिकल ऑसिलेशन सिग्नेचर) टेस्ट गुजरात के गांधीनगर में कराया गया था, जिसकी रिपोर्ट भी कोर्ट को दी गई है। साथ ही लवकुश को बालिग माना गया है। अभी तक इसकी उम्र पर विवाद चल रहा था।
हाथरस ( Hathras ) के चंदपा क्षेत्र के एक गांव में बीती 14 सितंबर को अनुसूचित जाति की 19 वर्षीय युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था और उसे मारपीट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया था। जिला अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद उसे अलीगढ़ स्थित जेएन मेडिकल कॉलेज भेजा गया था। जेएन मेडिकल कॉलेज से उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में रेफर किया गया था। 16 दिनों तक जिंदगी और मौत के बीच जूझने के बाद बिटिया ने 28 सितंबर की रात को सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था।
प्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी। सीबीआई ने 67 दिनों तक विवेचना की। चारों आरोपियों के पॉलीग्राफी व बीआईओएस प्रोफाइल टेस्ट भी गांधीनगर (गुजरात) में कराए थे। विवेचना के उपरांत सीबीआई ने इस मामले में चारों आरोपियों के खिलाफ विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट बीडी भारती के न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया है। शुक्रवार की दोपहर करीब 11 बजे सीबीआई की डीएसपी अपनी टीम के साथ कोर्ट में पहुंचीं और चार्जशीट दाखिल की।