किसान आंदोलन ( Farmers Protest ) के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi ) ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश ( Madhya Pradesh ) के किसानों को संबोधित किया। उन्होंने कृषि कानूनों को लेकर सिलसिलेवार ढंग से सरकार का पक्ष रखा और विपक्ष पर किसानों को बरगलाने का आरोप लगाया। पीएम मोदी ने कहा कि ये कानून रातोंरात नहीं बने हैं। पिछले 22 सालों से हर सरकार ने इन पर विचार किया है। उन्होंने किसानों से अपील की कि यदि किसी को कोई आशंका है तो सिर झुकाकर और हाथ जोड़कर बात करने को तैयार हैं।
पीएम मोदी ( PM Modi )ने कहा कि मुझे खुशी है कि देशभर में किसानों ने नए कृषि सुधारों को न सिर्फ गले लगाया है बल्कि भ्रम फैलाने वालों को भी सिरे से नकार रहे हैं। जिन किसानों में अभी थोड़ी सी आशंका बची है उनसे मैं फिर से कहूंगा कि आप एक बार फिर से सोचिए। उन्होंने ने विपक्षी पार्टियों से निवेदन किया है कि कृपया सारा श्रेय अपने पास रखें। मैं किसानों की प्रगति चाहता हूं और खेती में आधुनिकता चाहता हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Modi )ने कृषि कानूनों को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम को दूर किया है। साथ ही कई चीजों पर सरकार की राय उन्होंने स्पष्ट कर दिया है। किसानों को पीएम मोदी ने भरोसा दिलाया है कि एमएसपी खत्म नहीं होगी। साथ ही उन्होंने कहा कि मंडियां भी कभी बंद नहीं होंगी।
प्रधानमंत्री मोदी ( PM Modi )ने कहा कि अब भारत का किसान और पीछे नहीं रह सकते हैं। जो काम 25-30 साल पहले हो जाने चाहिए थे, उसे आज करनी की नौबत आई है। पहले लोग अपने घोषणा पत्र में इन सुधारों का जिक्र करते थे। लेकिन किसान उनकी प्राथमिकता नहीं है। आज जो कृषि सुधार हुए हैं, वह उनसे अलग नहीं है। उनको पीड़ा इस बात से नहीं है कि कृषि कानूनों में सुधार क्यों है। उनको पीड़ा इस बात को लेकर है कि इसे मोदी ने क्यों किया।
पीएम ( PM Modi )ने कहा कि किसानों के कंधे पर बंदूक रख वार किए जा रहे हैं। जो लोग किसानों के नाम पर आंदोलन कर रहे हैं, वे लोग जब सरकार में रहे तो किसानों के लिए क्या यह देश को याद रखना चाहिए। आज मैं देश के सामने सारी बात रखूंगा। ये लोग स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को 8 साल तक दबाए रखे हैं। इन लोगों ने अपनी राजनीति के लिए किसानों को समय-समय पर इस्तेमाल किया है। पीएम ने कहा कि हमने स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट को बाहर निकाला और एमएसपी को डेढ़ गुना किया।
किसानों से सीधा संवाद करते हुए पीएम ने स्पष्ट किया कि फार्मिंग एग्रीमेंट में सिर्फ फसलों या उपज का समझौता होता है। जमीन किसान के ही पास रहती है, एग्रीमेंट और जमीन का कोई लेना-देना ही नहीं है।फार्मिंग एग्रीमेंट को लेकर बड़ा झूठ चल रहा है, जबकि हमारे देश में बरसों से फार्मिंग एग्रीमेंट की व्यवस्था चल रही है।
पीएम ने बताया कि अभी किसी ने मुझे 8 मार्च 2019 के अखबार की एक रिपोर्ट भेजी है। इसमें पंजाब की कांग्रेस सरकार, किसानों और एक मल्टीनेशनल कंपनी के बीच 800 करोड़ रुपये के फार्मिंग एग्रीमेंट का जश्न मना रही है। पंजाब के किसान की खेती में ज्यादा निवेश हो, ये हमारी सरकार के लिए खुशी की ही बात है।
उन्होंने कहा झूठ फैलाया जा रहा है कि मंडियां बंद हो जाएंगी।जबकि सचाई यह है कि नए कानून के बाद एक भी मंडी बंद नहीं हुई है। फिर क्यों ये झूठ फैलाया जा रहा है? सच्चाई तो ये है कि हमारी सरकार एपीएमसी को आधुनिक बनाने पर, उनके कंप्यूटरीकरण पर 500 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर रही है। फिर ये एपीएमसी बंद किए जाने की बात कहां से आ गई। नए कानून में हमने सिर्फ इतना कहा है कि किसान चाहे मंडी में बेचे या फिर बाहर, ये उसकी मर्जी होगी। अब जहां किसान को लाभ मिलेगा, वहां वो अपनी उपज बेचेगा।
मेरी इस बातों के बाद भी, सरकार के इन प्रयासों के बाद भी, अगर किसी को कोई आशंका है तो हम सिर झुकाकर, हाथ जोड़कर, बहुत ही विनम्रता के साथ, देश के किसान के हित में, उनकी चिंता का निराकरण करने के लिए, हर मुददे पर बात करने के लिए तैयार हैं: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) December 18, 2020