Friday, September 20, 2024

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सुप्रीम कोर्ट ने आगरा की डॉ. दीप्ति अग्रवाल आत्महत्या मामले में हाईकोर्ट का आदेश रद कर दिये सीबीआई जांच के आदेश

  ( के आगरा   के ताजगंज क्षेत्र के विभव नगर स्थित विभव वैली व्यू अपार्टमेंट के फ्लैट में डॉ. दीप्ति अग्रवाल  Dr. Deepti Agarwal ) की मौत के मामले में    (   की तीन सदस्यीय बेंच ने  जांच के आदेश किए हैं।ससुर, सास, जेठ और जेठानी को हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत के आदेश को भी खारिज कर दिया।डॉ. दीप्ति अग्रवाल तीन अगस्त को अपने फ्लैट में फंदे में लटकी मिली थीं।

आगरा की डॉ. दीप्ति अग्रवाल Dr. Deepti Agarwal )  की मौत के मामले में सुनवाई करते हुए शीर्ष न्यायालय ने हाईकोर्ट के आदेश को रद कर दिया है। शीर्ष न्यायालय ने कहा, कुछ सूचनाओं को सार्वजनिक किया जाना और सुबूत के तौर पर प्रयुक्त होने वाली सामग्री या तथ्य का रहस्योद्घाटन करना मामले की सुनवाई पर असर डाल सकता है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि मीडिया का यह व्यवहार आपराधिक न्याय के प्रशासनिक प्रक्रिया को पटरी से उतार भी सकता है। कुछ मामलों में मीडिया के आचरण पर यह टिप्पणी जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस इंदू मल्होत्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की पीठ ने की। पीठ ने कहा, संज्ञेय अपराध की सूचना मिलने या उसके पंजीकृत होने पर जांच अधिकारी का कर्तव्य है कि वह पूरी गंभीरता से मामले की जांच करे। लेकिन उसका प्रयास उस समय कमजोर पड़ जाता है जब महत्वपूर्ण जानकारी या तथ्य सार्वजनिक हो जाता है।

यह रहस्योद्घाटन कई बार आरोपी के खिलाफ भी जाता है, क्योंकि उसके बाद खुद को निर्दोष साबित करने की उसकी क्षमता भी प्रभावित हो जाती है। यह स्थिति किसी पीडि़त या उसके परिजनों के लिए भी ठीक नहीं होती है। ज्यादातर मामलों में पीडि़त और उसके परिजन सार्वजनिक होने वाली सूचनाओं पर अपनी सफाई देने के लिए उपलब्ध नहीं होते। वे नहीं बता पाते कि किन परिस्थितियों में अपराध हुआ। इस तरह की स्थितियां खासतौर पर सीबीआइ जांच के दौरान पैदा होती हैं। पीठ ने ये टिप्पणियां  (  ) के एक आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कीं।

यह याचिका एक महिला डॉ. दीप्ति अग्रवाल Dr. Deepti Agarwal )  के सास, श्वसुर, जेठ और ननद को अग्रिम जमानत देने के आदेश के खिलाफ दायर की गई है। डॉ. दीप्ति अग्रवाल Dr. Deepti Agarwal )   ने आत्महत्या कर ली थी। महिला के पिता ने दहेज उत्पीड़न के मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। मामला आगरा के ताजगंज थाने का है। वहां पर सात अगस्त, 2020 को युवती के पिता ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्होंने अपनी बेटी दीप्ति की शादी में डेढ़ करोड़ रुपये खर्च किए थे। दीप्ति डॉक्टर थीं।

बावजूद इसके पति सुमित, उसके माता-पिता, जेठ और ननद ने अतिरिक्त दहेज की मांग करते हुए डॉ. दीप्ति अग्रवाल के साथ दु‌र्व्यवहार करना शुरू कर दिया। दीप्ति पर पिता के घर से और धन लाने के लिए दबाव डालने लगे, अंतत: दीप्ति ने परेशान होकर    ( )  कर ली। दीप्ति की मौत के दो दिन बाद ही उसका लिखा आगरा के अखबारों में प्रकाशित हो गया था। सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि आरोपी के परिवार का आगरा में काफी प्रभाव है और उससे जांच प्रभावित हो सकती है। पीठ ने हाईकोर्ट की एकल पीठ के आदेश को रद कर दिया है। इसके चलते अब आरोपियों की गिरफ्तारी से रोक हट गई है।

 

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels