कांग्रेस (Congress ) के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश( Jairam Ramesh )ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA)अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल( Vivek Doval )से मानहानि मामले में माफी मांग ली है। पिछले साल विवेक डोभाल ने जयराम रमेश और कारवां मैग्जीन के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज किया था, क्योंकि मैग्जीन ने उनके खिलाफ आपत्तिजनक लेख छापा था।
शनिवार को विवेक डोभाल ने जानकारी दी कि जयराम रमेश ( Jairam Ramesh )ने माफी की मांग की है, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। हालांकि विवेक डोभाल ने कहा कि कारवां पत्रिका के खिलाफ मानहानि मामला जारी रहेगा। कारवां पत्रिका ने विवेक डोभाल के खिलाफ आपत्तिजनक बयान और लेख छापे थे।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ( Jairam Ramesh )ने कहा कि उन्होंने विवेक डोभाल के खिलाफ बयान जारी किए और चुनाव के समय माहौल की गंभीरता के चलते उन पर कई तरह के आरोप भी लगाए। जयराम रमेश ने कहा कि मुझे इन्हें पहले वेरिफाई कर लेना चाहिए था।
कारवां नाम की एक पत्रिका ने अजीत डोभाल और उनके परिवार पर गंभीर आरोप लगाए थे। कारवां ने अपने लेख में दावा किया था कि विवेक एक विदेशी फंड फर्म चला रहे हैं, जिसके प्रमोटरों की संदिग्ध पृष्ठभूमि रही है। इसके अलावा लेख में कहा गया था कि विवेक डोभाल केमैन आइलैंड में हेज फंड चलाते हैं।
सुनवाई की शुरुआत में ही विवेक डोभाल ने कहा था कि यह मामला आने वाले वर्षों में उनके करियर पर एक धब्बे की तरह है। अपने पिता को लेकर उन्होंने कहा था कि उनका पूरा जीवन इस देश के दुश्मनों से लड़ते बीता है। ऐसा कैसे हो सकता है कि वो अपने बेटे को अवैध गतिविधियों को अंजाम देने की अनुमति दे दें। कारवाँ के इस लेख में ‘डोभाल परिवार’ को ‘डी कंपनी’ का नाम दिया गया था, जिसका इस्तेमाल 1993 मुंबई बम धमाकों के आरोपी और कुख्यात आतंकवादी दाऊद इब्राहिम के गैंग के लिए किया जाता है।
लेख में यह आरोप लगाया गया था कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल के बेटे विवेक डोभाल केमैन आइलैंड, जो कि टैक्स-हेवन के रूप में जाना जाता है, में हेज फंड (निवेश निधि) चलाते हैं। रवीश कुमार ने यहाँ तक लिखा था कि “डी-कंपनी अभी तक दाऊद का गैंग ही होता था, अब भारत में एक और डी कंपनी आ गई है”। दावा किया गया था कि यह हेज फंड 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नोटबंदी की घोषणा के 13 दिन बाद रजिस्टर्ड किया गया था।