उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के गोरखपुर (Gorakhpur )में युवा कारोबारी विकास श्रीवास्तव 10 महीने से कोरोना लाॅकडाउन ( Lockdown) के कारण चौपट कारोबार में बैक का कर्जा लौटाने का दबाब सह नहीं पाया तो मंगलवार दोपहर में आत्महत्या (suicide ) कर ली।
विकास की कोतवाली इलाके में कमरे में पंखे से लटकती लाश मिली। कोतवाली पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। विकास अपने मां-बाप के एकलौता बेटा था। पिता की मौत हो चुकी है। वह अपनी बुजुर्ग मां का सहारा था। उनकी शादी नहीं हुई थी।के
जानकारी के अनुसार, देवरिया के धनवती गांव निवासी विकास श्रीवास्तव अपनी मां के साथ गोरखपुर (Gorakhpur ) के हुमायूंपुर दक्षिणी मोहल्ले में उमाशंकर गुप्ता के मकान में किराए पर कमरा लेकर रहता था। विकास की तमकुहीराज में मिक्सर बनाने की दुकान है। विकास ने अपना कारोबार बढ़ाने के लिए ओरिएंटल बैंक से दस लाख रुपये का कर्ज लिया था। 10 महीने से कोरोना लाॅकडाउन ( Lockdown) के कारण कारोबार चौपट हो गया था .वह कर्ज लौटा नहीं पा रहा था।
एनपीए होने की वजह से कर्ज के संबंध में बैंक से नोटिस आ रहा था। मंगलवार सुबह नोटिस की जानकारी के बाद विकास की मां अधिवक्ता से मिलने गई थीं। दोपहर में करीब 12:30 बजे वह लौटीं तो अंदर से दरवाजा बंद था। मां ने पहले बेटे को आवाज दी। जवाब नहीं मिलने पर दरवाजे को धक्का देकर खोल दिया।
अंदर गईं तो देखा विकास पंखे से लटका हुआ था। बेटे की लाश देखकर मां चीख निकल पड़ी। चीख सुनकर आसपास के लोग पहुंच गए। किसी ने पुलिस को सूचना दे दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया। विकास के अलावा उनकी दो बहनें हैं।
बहनों की शादी हो गई है। एक बहन की शादी बक्शीपुर में हुई है, तो दूसरी की उत्तराखंड में। गोरखपुर (Gorakhpur )में ही रिश्तेदारी होने की वजह वे वह यहीं पर किराये का कमरा लेकर रहते थे। विकास के पिता की पहले गोलघर में दुकान थी, लेकिन उनकी मौत के बाद दुकान बंद हो गई। इकलौते बेटे की मौत से मां का रो-रो कर अचेत हो जा रही थीं।