पश्चिम बंगाल ( West Bengal) में शांति निकेतन स्थित विश्व भारती विश्वविद्यालय ( Visva-Bharati University ) के 100 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi )ने संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने गुरुदेव के विजन को आत्मनिर्भर भारत का सार बताया। इसके साथ ही उन्होंने गुरुदेव और गुजरात का कनेक्शन भी बताया। अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने बंगाल की संस्कृति और गुरुदेव से जुड़ी कई बातें बताईं। साथ ही विश्वभारती के स्टूडेंट्स को टास्क भी दिया। पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस मौके पर पश्चिम बंगाल राज्यपाल जगदीप धनखड़ और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल भी मौजूद रहे।
पीएम मोदी ( PM Modi )ने कहा, ‘गुरुदेव का सबसे प्रेरणादायी मंत्र तो याद ही है। जोदि तोर दक शुने केऊ ना ऐसे तबे एकला चलो रे यानी कोई साथ न आए, अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अगर अकेले चलना पड़े तो चलिए।’ इस दौरान उन्होंने विश्व भारती विश्वविद्यालय ( Visva-Bharati University )के छात्र-छात्राओं को एक टास्क भी दिया। पीएम मोदी ने इस बार कोरोना महामारी के चलते पौष मेला नहीं हो पाया। स्टूडेंट्स पौष मेले में आने वाले लोगों से संपर्क करें और कोशिश करें कि उनकी कलाकृतियां ऑनलाइन कैसे बेची जा सकें।
अपने संबोधन में पीएम मोदी( PM Modi ) ने कहा, ‘वर्ष 2022 में देश की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे हो जाएंगे। विश्व भारती विश्वविद्यालय ( Visva-Bharati University ) की स्थापना के 27 साल बाद देश आजाद हो गया था। 27 साल बाद भारत की आजादी को 100 साल हो जाएंगे। हमें नए लक्ष्य गढ़ने होंगे, नई उर्जा जुटानी होगी। इस लक्ष्य में हमारा मार्गदर्शन गुरुदेव की ही बातें करेंगी। उनके विचार करेंगे।’
पीएम मोदी ने बताया, ‘गुरुदेव ने स्वदेशी समाज का संकल्प दिया था। हमारे गांवों को कृषि को आत्मनिर्भर देखना चाहते थे। उन्होंने आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आत्मशक्ति की बात कही थी। उन्होंने कहा था, राष्ट्र का निर्माण एक तरह से अपनी आत्मा की प्राप्ति का विस्तार है। जब आपने विचारों से अपने कार्यों से, अपने कर्तव्यों के निवर्हन से देश का निर्माण करते हैं तो आपको देश की आत्मा से ही अपनी आत्मा नजर आने लगती है।’

पीएम मोदी अपने संबोधन में बोले, ‘विश्व भारती के लिए गुरुदेव का विजन आत्मनिर्भर भारत का भी सार है। आत्मनिर्भर भारत अभियान भी विश्व कल्याण के लिए भारत के कल्याण का मार्ग है। ये अभियान, भारत को सशक्त करने का अभियान है, भारत की समृद्धि से विश्व में समृद्धि लाने का अभियान है।’
विश्वभारती के शताब्दी समारोह में पीएम मोदी बोले ( PM Modi ), ‘उनका विजन था कि जो भारत में सर्वश्रेष्ठ है, उससे विश्व को लाभ हो और जो दुनिया में अच्छा है, भारत उससे भी सीखे। आपके विश्वविद्यालय का नाम ही देखिए: विश्व-भारती। मां भारती और विश्व के साथ समन्वय।’
बता दें कि 1921 में विश्व भारती यूनिवर्सिटी की स्थापना गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर(Rabindranath Tagore) ने की थी। यह देश की सबसे पुरानी सेंट्रल यूनिवर्सिटी है। इसे मई 1951 में केंद्रीय विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा मिला था।
विश्व भारती की स्थापना के 27 वर्ष बाद भारत आजाद हो गया था।
अब से 27 वर्ष बाद भारत अपनी आजादी के 100 वर्ष का पर्व मनाएगा।
हमें नए लक्ष्य गढ़ने होंगे, नई ऊर्जा जुटानी होगी, नए तरीके से अपनी यात्रा शुरू करनी होगी। इसमें हमारा मार्गदर्शन गुरुदेव के ही विचार करेंगे। pic.twitter.com/nTha5OJlwx
— Narendra Modi (@narendramodi) December 24, 2020