किसान आंदोलन ( Farmers Protest ) के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi ) ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत देश के नौ करोड़ किसानों के खाते में 18 हजार करोड़ की सम्मान निधि हस्तांतरित की। इस दौरान उन्होंने छह राज्यों के किसानों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की। अरुणाचल प्रदेश के किसान गगन पेरिंग से बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने पूछा कि प्राइवेट कंपनी ने सिर्फ आपकी फसल खरीदी या जमीन भी ले ली? इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘उत्पाद को ले जाने का एग्रीमेंट हुआ है, जमीन का नहीं। जमीन तो सुरक्षित है।’
किसानों के साथ संवाद के बाद प्रधानमंत्री मोदी ( PM Modi )ने देशवासियों को भी संबोधित किया। उन्होंने विपक्ष पर जमकर हमला बोला और कृषि सुधारों के फायदे गिनवाए।उन्होंने कहा कि जनता से नकारे हुए लोग किसानों को गुमराह कर रहे हैं। कुछ नेता राजनीतिक एजेंडा चला रहे हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि उनके प्रधानमंत्री रहते किसानों का अहित नहीं हो सकता है। कृषि सुधार कानूनों के फायदे बताने के साथ उन्होंने आंदोलन कर रहे किसानों से कहा कि उनके हितों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है। हम खुले दिमाग से उनके साथ चर्चा के लिए तैयार हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने देश के नौ करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से 18 हजार करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि ऑनलाइन जमा कराई।
पश्चिम बंगाल ( West Bengal) के किसानों के इस योजना के लाभ से वंचित होने पर अफसोस जताते हुए मोदी ने कहा कि ममता बनर्जी की विचारधारा ने राज्य को चौपट कर दिया है। राज्य के 70 लाख किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। विपक्षी दल इस पर चुप क्यों हैं? किसान आंदोलन को हवा देने वाले वामपंथी दलों का नाम लिए बगैर कहा कि जो दल बंगाल में किसानों के अहित पर कुछ नहीं बोलते वे दिल्ली आकर किसानों की बात करते हैं। किसानों के खिलाफ बंगाल सरकार के रवैये ने मुझे बहुत आहत किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने वामदलों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इन दलों को आजकल एपीएमसी (मंडी) की बहुत याद आ रही है। लेकिन ये दल भूल जाते हैं कि केरल( Kerala ) में एपीएमसी है ही नहीं। वहां ये लोग आंदोलन क्यों नहीं करते हैं?
प्रधानमंत्री मोदी( PM Modi ) ने कहा कि कानूनों के किसी प्रावधान में कोई कमी है, तो सरकार उस पर चर्चा के लिए तैयार है। लेकिन, ये जनता से नकारे हुए नेता किसी न किसी राजनीतिक कारण से चर्चा नहीं होने दे रहे हैं। प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों को आईना दिखाने के अंदाज में कहा कि असम, राजस्थान व जम्मू-कश्मीर के पंचायत चुनावों में जनता ने इन दलों को नकार दिया है। इन राज्यों की ग्रामीण जनता ने सरकार के फैसलों पर मुहर लगा दी है।