पाकिस्तान ( Pakistan ) के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत (Khyber Pakhtunkwa province) के करक जिले में हिन्दू मंदिर (Hindu temple) तोड़े जाने की घटना पर भारत ने पाकिस्तान के साथ आधिकारिक रूप से विरोध दर्ज कराया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक,भारत ने राजनयिक चैनलों के माध्यम से पाकिस्तान में एक हिंदू मंदिर (Hindu temple)में बर्बरता के खिलाफ औपचारिक विरोध दर्ज कराया है। मंदिर पर हमले और आगजनी के बाद पाकिस्तान के कई शहरों में भी इस घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। करक जिले के टेरी गांव में बुधवार को मंदिर पर हमले की पाकिस्तानी मानवाधिकार संगठनों और हिंदू नेताओं ने भी निंदा की है।
भारत सरकार ने पाकिस्तान (Pakistan)उच्चायोग में इस तरह की लगातार हो रही घटनाओं और अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ अत्याचारों को लेकर गंभीर चिंता जताई है। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान (Pakistan)उच्चायोग को कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान सरकार इस मामले की जांच करेगी और मंदिर पर हमले के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।”
रिपोर्ट के मुताबिक, इस मंदिर पर सबसे पहले 1997 में हमला कर इसे गिराया गया था और इसके बाद 2015 में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद स्थानीय समुदाय ने इसके पुनर्निर्माण पर सहमति जताई थी। पुनर्निर्माण के दौरान मंदिर को दी गई जमीन को लेकर विवाद है, जिसके कारण मंदिर समर्थकों और स्थानीय मौलानाओं के बीच इसे लेकर झगड़ा जारी है। चश्मदीदों के अनुसार, हिंदू समुदाय के सदस्यों ने दशकों पुरानी इमारत के मरम्मत के लिए स्थानीय अधिकारियों से अनुमति ली थी और उसके बाद भीड़ ने मंदिर पर हमला किया।
अब इस मामले में कट्टरपंथी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम पार्टी के नेता रहमत सलाम खट्टक समेत 30 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए निर्देश जारी किए गए हैं।प्रांतीय पुलिस प्रमुख केपीके सनाउल्लाह अब्बासी ने कहा कि प्राथमिकी में 350 से अधिक लोगों का नामजद किया गया है। अब्बासी ने कहा कि आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी में आतंकवाद से संबंधित कानून की सभी धाराओं को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रांत में अल्पसंख्यकों के पूजा स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।