हरिद्वार ( Haridwar ) में रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण के बाद ट्रायल के लिए 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाई गई ट्रेन ( Train) से कटकर चार लोगों की मौत हो गई। जमालपुर फाटक के पास चारों के शव ट्रैक के दोनों किनारों पर क्षत विक्षत हालत में पड़े मिले।
शाम के समय हुए हादसे के बाद रेलवे और पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में एसपी सिटी पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचीं और शवों को रेलवे ट्रैक के किनारों से उठवाया।
चारों युवकों की शिनाख्त विशाल चौहान (24) पुत्र अरविंद चौहान, मयूर चौहान (25) पुत्र शशीपाल चौहान, प्रवीण चौहान (25) पुत्र अशोक चौहान और हैप्पी उर्फ गोलू (24) पुत्र प्रमोद चौहान सभी निवासी सीतापुर के रूप में हुई।चारों युवक अपने घर के इकलौते चिराग थे,व चारों युवकों बीच गहरी दोस्ती थी।
हादसे के बाद एसपी जीआरपी मंजूनाथ टीसी के नेतृत्व में देर रात तक जीआरपी, आरपीएफ व सिविल पुलिस के राजपत्रित अधिकारी ट्रैक किनारे कॉम्बिंग में जुटे थे। एसपी जीआरपी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि ट्रायल ट्रेन से हादसे में चार शव बरामद हो चुके हैं। ट्रैक किनारे कॉम्बिंग चल रही है। हादसे के कारणों की जांच शुरू कर दी गई है।
हरिद्वार से लक्सर के बीच रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण ( Haridwar-Laksar double line track )का काम पूरा हो गया है। गुरुवार को ट्रैक पर ट्रायल के लिए 120 किमी की स्पीड से ट्रेन चलाई जा रही थी। घटनास्थल के आसपास आबादी क्षेत्र है।
बताया जा रहा है कि पिछले कुछ समय से ट्रेनों की आवाजाही बंद होने के कारण आसपास रहने वाले लोग ट्रेन की पटरियों पर बैठकर टाइम पास करते थे। गुरुवार को ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र के जमालपुर फाटक के पास कुछ युवक ट्रैक पर बैठे थे।
इसी बीच ट्रायल के लिए 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन वहां से गुजरी। ट्रेन की स्पीड अधिक होने पर युवकों को वहां से भागने का मौका ही नहीं मिला। पलभर में ट्रेन चारों युवकों के ऊपर से गुजर गई।
लक्सर- हरिद्वार रेल मार्ग पर ट्रैक( Haridwar-Laksar double line track ) के दोहरीकरण का कार्य दो साल से चला आ रहा था। अभी तक इस रूट पर 50 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से ट्रेनें गुजरती आ रही हैं। दोहरीकरण के बाद 10 जनवरी से ट्रेनों की स्पीड दोगुनी यानि 100 किलोमीटर प्रतिघंटा होनी है। लाइन के दोहरीकरण का काम पूरा होने पर ट्रायल के लिए गुरुवार को रेलवे के सीआरएस (कमिश्नर आफ रेलवे सेफ्टी) के नेतृत्व में तकनीकी विशेषज्ञों की एक टीम हरिद्वार पहुंची थी। डबल ट्रैक और रफ्तार का ट्रायल करने के लिए दिल्ली से स्पेशल ट्रेन भी बुलाई गई थी।