पूर्व शिक्षक एमएलसी ओमप्रकाश शर्मा (87)(Om Prakash Sharma)का शनिवार रात करीब 9 बजे निधन हो गया।मेरठ ( Meerut )- के शास्त्रीनगर स्थित आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली। उन्होंने 48 साल तक मेरठ-सहारनपुर शिक्षक सीट पर शिक्षक एमएलसी बनकर राज किया। इस बार पहली दफा भाजपा से हारे थे शिक्षक राजनीति में भीष्म पितामह कहे जाने वाले पूर्व शिक्षक विधायक ओम प्रकाश शर्मा शनिवार को जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर चल रहे प्रदेशव्यापी धरने में भी शामिल हुए थे। वह कई दिन से पेचिश की बीमारी से ग्रसित थे। रात में उनके निधन की सूचना मिली। इसी 5 जनवरी को 87 साल के हुए थे।
ओमप्रकाश शर्मा (Om Prakash Sharma)करीब आधी सदी (50 साल) उत्तर प्रदेश में शिक्षक राजनीति की धुरी बने रहे। उन्होंने शिक्षक विधायक का पहला चुनाव 1970 में जीता था। उन्हें कभी पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ा। शिक्षक एमएलसी की अन्य सीटों पर भी शर्मा गुट की तूती बोलती थी। लेकिन पिछले साल दिसम्बर में आधी सदी का यह सिलसिला थम गया। इस चुनाव में शर्मा गुट को जहां महज एक सीट पर संतोष करना पड़ा वहीं ओमप्रकाश शर्मा खुद पहली बार चुनाव हार गए थे। ओमप्रकाश शर्मा ने अंतिम चुनाव 2014 में जीता था। बताते हैं कि 90 के दशक में उनकी लोकप्रियता इतनी थी कि सुबह आठ बजे मतगणना शुरू होने के दो घंटे के अंदर उन्हें प्रथम वरीयता के 50 प्रतिशत से अधिक मत मिल जाते थे। लेकिन पिछला चुनाव वह भाजपा उम्मीदवार से हार गए। इस हार के बाद ओमप्रकाश शर्मा ने कहा था कि इससे शिक्षकों के लिए उनके संघर्ष में कोई कमी नहीं आएगी।
दिवंगत एमएलसी ओमप्रकाश शर्मा (Om Prakash Sharma)के दो बेटे और दो बेटियां हैं। बड़े बेटे अमित प्रकाश लुधियाना में इंजीनियर हैं, जबकि छोटे बेटे डॉ. अखिल प्रकाश मेरठ में न्यूरो सर्जन हैं। इनकी पुत्रवधू डॉ. पूजा शर्मा स्वास्थ्य विभाग में एसीएमओ हैं।
एक पुत्रवधु बिंदु शर्मा विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं। इनकी एक बेटी शांता स्मारक स्कूल में प्रिंसिपल हैं और दूसरी बेटी नोएडा में जूनियर हाईस्कूल में शिक्षिका हैं। उनके निधन पर क्षेत्र में शोक व्याप्त है।
