केंद्रीय जांच ब्यूरो ( सीबीआई)ने रविवार को भारतीय रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी ( Railways officer ) महेंद्र सिंह चौहान (Mahendra Singh Chauhan) को 1 करोड़ रुपये की रिश्वत (Bribe) लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार (Arrest) कर लिया।
उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी ( CBI )ने 1985 बैच के आईआरईएस अधिकारी (Railways officer ) महेंद्र सिंह चौहान को उस वक्त गिरफ्तार किया जब वो पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (North Eastern Frontier Railway) में परियोजनाओं के ठेके देने के बदले कथित तौर पर घूस ले रहे थे।
बताया जा रहा है कि यह CBI के इतिहास में रकम बरामदगी की सबसे बड़ी कार्रवाई है। जांच एजेंसी ने बताया कि एक प्राइवेट कंपनी को ठेका देने के एवज में एक करोड़ रुपए की वसूली के लिए चौहान के दो लोग निकले थे। सीबीआई की टीम इन्हें पहले से ट्रेस कर रही थी। पूछताछ में दोनों आरोपियों ने महेंद्र सिंह चौहान का नाम लिया। इसके बाद IRES अफसर महेंद्र सिंह चौहान को भी गिरफ्तार कर लिया गया। उनसे पूछताछ जारी है।
उन्होंने कहा कि अधिकारी वरिष्ठ अधिकारी (Railways officer ) महेंद्र सिंह चौहान असम (Assam) के मालीगांव में एनएफआर मुख्यालय में तैनात हैं। उन्होंने कहा कि एजेंसी ने घूस की रकम बरामद की है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), दिल्ली, असम, उत्तराखंड और दो अन्य राज्यों में 20 जगहों पर इस सिलसिले में छापेमारी कर रहा है।
नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर कॉरीडोर (NFR) रेल मंत्रालय के 18 रेल जोन में से एक है। इसका मुख्यालय असम के मालीगांव में है। इसके तहत असम, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश की रेल सेवाएं आती हैं। देश का सबसे बड़ा रेल रोड ब्रिज बोगीबीद भी इसी जोन के अंदर आता है। बांग्लादेश से रेल सर्विस भी इसी जोन के तहत आती है।