उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath ) को के खिलाफ अपशब्द का प्रयोग करने वाले कासगंज ( Kasganj ) जिले के प्रोफेसर( Professor ) की गिरफ्तारी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ( Allahabad High Court) ने रोक लगा दी है। हाथरस ( Hathras ) में हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना के विरोध प्रदर्शन के दौरान कासगंज के एसोसिएट प्रोफेसर नीरज किशोर मिश्र ने सीएम योगी को ‘मोटी चमड़ी का आदमी’ कहा था।
न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र और न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव की खंडपीठ ने कासगंज ( Kasganj ) के नीरज किशोर मिश्र की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया। गिरफ्तारी पर रोक लगाने के साथ ही कोर्ट ने प्रदेश सरकार से 4 सप्ताह के अंदर जवाब भी मांगा है। कोर्ट ने हालांकि मामले की जांच जारी रखने का निर्देश दिया है।
हाथरस में हुए गैंगरेप के बाद वाल्मीकि समाज ने पुलिस पर जांच में लापरवाही का आरोप लगाया था। इसी दौरान कासगंज ( Kasganj ) के पटियाली निवासी एसोसिएट प्रोफेसर नीरज किशोर मिश्र ( Professor Neeraj Kishor Mishra )ने प्रदर्शन के दौरान सीएम के खिलाफ टिप्पणी की। इसके बाद कासगंज जिले के पटियाली( Patiyali ) पुलिस स्टेशन में याचिकाकर्ता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत 11 दिसंबर, 2020 को धारा 153-बी, 505 (2) के तहत मामला दर्ज किया गया था। कोर्ट में दी याचिका में नीरज ने कहा कि लोकतंत्र में विरोध का अधिकार है और महज ‘मोटी चमड़ी’ का कहने पर कोई अपराध नहीं बनता है।
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि एक लोकतांत्रिक देश में, सत्ता पक्ष के खिलाफ आंदोलन करना विपक्ष के नेताओं का संवैधानिक अधिकार है। ऐसे में दलित लड़की के बलात्कार के मुद्दे पर याचिकाकर्ता का आंदोलन करना गलत नहीं है।
यह देखते हुए कि मामले पर विचार की आवश्यकता है, अदालत ने याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। लेकिन यह भी स्पष्ट कर दिया है कि जांच पर रोक नहीं लगाई गई है, लिहाजा उसे जारी रखा जाएगा।