किसान आंदोलन को लेकर अब सियासी वार-पलटवार तेज हो गए हैं।कांग्रेस (Congress ) नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को ‘खेती का खून‘ शीर्षक से बुकलेट जारी कर केंद्र सरकार को घेरा। इस पर केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ( Prakash Javadekar ) ने पलटवार करते हुए कहा-‘आप खेती के खून‘ की बात कर रहे हो, लेकिन 1984 के सिख नरसंहार का क्या?
जावडेकर ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से यह भी पूछा कि-1984 में दिल्ली में 3000 सिख जिंदा जलाए गए थे, क्या वह जनसंहार नहीं था? कांग्रेस राज में लाखों किसानों ने खुदकुशी की, क्या तब उनके शरीर में खून नहीं था?
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ( Prakash Javadekar )ने कहा कि कांग्रेस किसानों की समस्या का समाधान नहीं चाहती है। कांग्रेस नहीं चाहती कि किसान नेताओं और सरकार के बीच बातचीत हो। यही कारण है कि वह भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के सवालों से भाग खड़े हुए है। दरअसल, कांग्रेस के पास सवालों के जवाब नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा देश की सबसे प्रमुख पार्टी है, उसके अध्यक्ष नड्डा जी ने सवाल क्या पूछे। राहुल गांधी भाग गए।
अगर प्रश्नों का उत्तर नहीं पता तो अपनी असफलता कबूल करनी चाहिए।उन्होंने पूछा कि राहुल गांधी चीन के मसले पर जवाब क्यों नहीं देना चाहते हैं।
अंत में जावड़ेकर ( Prakash Javadekar )ने कहा- “कांग्रेस की आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस उनकी निराश का प्रदर्शन है। चीन पर जवाब क्यों नहीं देते? अरुणाचल की भूमि जो चीन के कब्जे़ में गई किसने दी? एयर स्ट्राइक पर सवाल कौन पूछ रहा था? सवल तो बहुत है। नड्डा जी ने पूछा तो जवाव नहीं आपके पास और इसलिए आप भाग रहे है। लेकिन कांग्रेस का ये खेल नहीं चलेगा। हमारी चर्चा किसानों से जारी है और हमें विश्वास है सफल भी होगी ।”
इससे पहले राहुल गांधी ( Rahul Gandhi )ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कृषि कानूनों पर ‘खेती का खून तीन काले कानून’ नाम से बुकलेट जारी की। खेती में एकाधिकार का सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि आज तक कृषि क्षेत्र का फायदा किसानों और मजदूरों को मिलता था। एक ढांचा था जिसमें मंडिया, आवश्यक वस्तु अधिनियम व अन्य कानून शामिल थे। नए कृषि कानून से तीन-चार लोगों के हाथों में देश की पूरी खेती का ढांचा चला जाएगा। देश को सिर्फ कुछ लोग चला रहे हैं। चुनिंदा लोगों को फायदा पहुंचाया जा रहा है।
‘