उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के एटा (Etah ) जिले में जाने माने कवि ,लेखक पत्रकार संजय उपाध्याय ( Sanjay Upadhyay )को स्मरण करते हुये साहित्यकार/पत्रकारों की एक शोक सभा दिवंगत संजय के आवासीय परिसर में आज आयोजित की गई। श्रद्धांजलि सभा को सम्बोधित करते हुये हिंदी मर्मज्ञ/जनवादी समीक्षक प्रोफेसर गोपाल कृष्ण शर्मा ने कहा कि संजय उपाध्याय( Sanjay Upadhyay ) ने अपनी व्यंग्य रचनाओं के माध्यम से समाज मे व्याप्त विकृतियों पर गहरा कटाक्षी प्रहार किया वे व्यंग्य के सुघड़ शब्द शिल्पी थे।
संजय उपाध्याय( Sanjay Upadhyay ) के अभिन्न मित्र एस के तिवारी ने कहा व्यंग्य के माध्यम से संजय का दर्शन अभिनव एवं नव प्रयोगों का अद्भुत बिम्ब का दर्शन था।उन्होंने अपने संस्मरण में मकड़ी के जालों के प्रसंग पर चर्चा करते हुये बताया संजय की दृष्टि में मानवीय जीवन मकड़जाल की मानिंद था जिससे मुक्ति नर देह के त्याग के बाद ही मिल सकती है।उन्होंने कहा वे मकड़जाल को जीवन भर अपने निगोड़े दर्शन से कविताओं में निरूपित करते रहे।
श्रद्धांजलि सभा का संचालन कर रहे कवि राजेश यादव ने संस्मरणो का भावभीना स्मरण कर पूरी सभा की आंखे नम कर दी। उन्होंने कहा दिवंगत संजय ( Sanjay Upadhyay ) का व्यंग्य प्रधान साहित्य अदबी लेखन की समृद्ध धरोहर है जिसे संजो कर रखना हम सबकी जिमेदारी है। कवि अनूप भावुक ने व्यंग्य का स्थापित रचनाकार बताते हुये बड़े साहित्यकारों की सम्रद्ध श्रेणी का रचनाकार बताया। एडवोकेट एवं ज्योतिष मर्मज्ञ पण्डित दुर्गेश शुक्ल ने शास्त्रोक्त दर्शन प्रस्तुत करते हुये दिवगंत आत्मा की शांति एवं उद्धार के लिये ईश प्रार्थना करते हुये सदगति एवं अच्छे जीवन रूप यौवन की कामना कर भावांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर पूर्व चेयरमेन गिरीश मिश्रा, पूर्व भाजपा अध्यक्ष दिनेश वशिष्ठ,प्रमोद शर्मा एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट,अकरम खान,इबलाश,जसवंत सिंह यादव पत्रकार,महेश मंजुल,खेमचंद्र वार्ष्णेय,जितेंद्र राघव,ईश्वर शरण,रविकांत यादव ने उच्चकोटि का साहित्यकार बताते हुये साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति बताया। शोक सभा मे संजय उपाध्याय को पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद दो मिनट का सामूहिक मौन रखा गया तदपुरान्त दिवंगत आत्मा की शांति हेतु सामूहिक शांति पाठ किया गया। इस मौके पर संजय उपाध्याय के भ्रातजनो राजू उपाध्याय एवं विजय उपाध्याय ने उपस्थित पत्रकारों साहित्य मनीषियों एवं प्रबुद्ध समर्थकों को आस्वस्त किया कि अब तक संजय की 7 पुस्तकें क्रमशः संसद में घोंसले( Sansad mein Ghonsle’ ) नष्ट नर,वो लकी लड़की, खुरदरे धरातल पर व्यंग्य यात्रा,दबोचिया,कुत्ता अनुपात आदमी कृति(सम्पादित)प्रकाशित हुई है जो साहित्य समाज की बीच है एक और अप्रकाशित पुस्तक ” सामाजिक कटाक्ष का कारीगर ” प्रकाशन में लम्बित है हम सब परिवारीजन साहित्य मनीषियों को राय मशविरे से प्रकाशित करवा कर साहित्य समाज को सौपने का भरपूर उपक्रम करेंगे।
इस मौके पर संजय उपाध्याय की माताश्री श्रीमती सुशीला देवी उपाध्याय, विजय उपाध्याय,अजय उपाध्याय, जवा उपाध्याय,श्रीमती नूतन उपाध्याय,संकल्प उपाध्याय पीहू उपाध्याय,वान्या उपाध्याय राधा उपाध्याय,केशव देव दीक्षित,रमाकांत दीक्षित,श्रीमती उषा यादव, श्रीमती प्रीति शाक्य, प्रमोद शाक्य,पुष्पेंद्र मिश्रा, अजित सिंह एडवोकेट,संजीव मिश्र नोयडा,सन्दीप शर्मा,मुकेश मिश्रा, गौरव मिश्रा, विमल कौशल,एस डी एस राठौर,सुनील मिश्रा, उमाकांत तिवारी, हरिशंकर दीक्षित, संजय मिश्रा,अनीत बिरला,हिमांशु तिवारी, मोहसिन मलिक,वीरेंद्र यादव,शरद चन्द्र ,अर्चना दुवे(जयपुर)सुरेंद्र दीक्षित,दीपक पांडेय,देव प्रकाश पचौरी,भूपेंद्र सिंह आदि अनेको लोग शामिल रहे।