दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा ( Delhi Tractor Rally Violence )पर पुलिस ने बुधवार को डीटेल में जानकारियां साझा कीं। दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ( Delhi Police Commissioner SN Srivastava ) शाम करीब सवा आठ बजे मीडिया के सामने आए और हिंसा का जिम्मेदार किसान नेताओं को ठहराया। उन्होंने कहा कि किसान नेताओं ने वादा तोड़ा, भड़काऊ भाषण दिए और इसी वजह से हिंसा हुई। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि हमारे पास वीडियो फुटेज है, इंटेलिजेंस की जानकारियां हैं और सभी की जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि जो भी हिंसा का जिम्मेदार पाया गया, उसे बख्शेंगे नहीं।
एसएन श्रीवास्तव ने कहा, ’26 जनवरी को देखते हुए हमने किसानों की ट्रैक्टर रैली के लिए कुछ नियम और शर्तें दी थीं। हमारी पहली शर्त थी कि किसान रैली 12 बजे शुरू हो और ये शाम 5 बजे समाप्त हो जाए। किसान लीडर ट्रैक्टर मार्च को लीड करें और अगली पंक्ति में रहें, ताकि वो जत्थे को कंट्रोल कर सकें। 5 हजार से ज्यादा ट्रैक्टर नहीं हों और कोई भी हथियार, भाला, तलवार जैसी चीज साथ में नहीं होनी चाहिए। रैली में अनुशासन बना रहे। 5 राउंड की बैठक के बाद किसान नेताओं ने ये सभी शर्तें मंजूर की थीं।’
दिल्ली पुलिस कमिश्नर ( Delhi Police Commissioner )बोले, ’25 जनवरी की शाम हमें पता चला कि किसान अपने वादे से मुकर रहे हैं। उग्र लोगों को उन्होंने आगे कर दिया। स्टेज पर ऐसे लोगों का कब्जा हो गया और उन्होंने बहुत भड़काऊ भाषण दिए। इससे उनकी मंंशा साफ हो गई। सिंघु पर 26 जनवरी की सुबह 6.30 बजे ही इन लोगों ने मार्च शुरू कर दिया। समझौते के हिसाब से उन्हें दाएं मुड़ना चाहिए था, वो वहा ना जाकर धरने पर बैठ गए। उनके नेता सतनाम पन्नू ने भड़काऊ भाषण दिया। किसान बैरिकेड्स तोड़ने पर आमादा हो गए। दर्शन पाल ने भी तय रूट पर जाने से इनकार कर दिया।’
श्रीवास्तव ( Delhi Police Commissioner ) ने कहा, ‘टीकरी और गाजीपुर से भी इसी तरह सुबह 8.30 बजे प्रदर्शनकारी चल पड़े। जब किसानों से कहा गया कि वो 12 बजे के तय वक्त पर परेड शुरू करें तो वो माने नहीं और बैरिकेड्स तोड़कर आगे बढ़ गए। उनके नेता सतनाम सिंह पन्नू के भड़काऊ भाषण दिया, जिसमें उन्होंने बैरिकेड्स तोड़ने की बात कही। इसके बाद हिंसा शुरू हो गई। टीकरी से निकले किसानों ने नांगलोई में धरना दिया। इन लोगों ने भी बैरिकेड्स तोड़े और हिंसा की। एक कंटेनर से रास्ते के अवरोध हटाते हुए ये लोग लाल किला तक पहुंचे। गाजीपुर से जो किसान निकले थे, उन्होंने अक्षरधाम पर बैरिकेड्स तोड़े। ये किसान भी लाल किले तक पहुंचे।’
दिल्ली पुलिस कमिश्नर ( Delhi Police Commissioner )बोले,कहा, ‘हिंसा के दौरान पुलिस ने संयम बरता। हमारे पास सभी ऑप्शन थे, लेकिन हमने संयम का रास्ता चुना। हमने इसलिए ऐसा किया कि हम जानमाल और संपत्ति का नुकसान नहीं चाहते थे। यही हम दोनों का समझौता भी था। हम शांतिपूर्ण रैली निकलवाना चाहते थे। ये हिंसा नियम और शर्तों को न मानने की वजह से हुई है और इसमें सभी किसान नेता शामिल रहे हैं।’
दिल्ली पुलिस कमिश्नर( Delhi Police Commissioner )बोले, ‘394 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। कुछ पुलिसकर्मी आईसीयू में भी हैं। पुलिस की 828 बैरिकेड्स, 8 टायर किलर्स, 4 स्टील गेट, पुलिस की 30 गाड़ियों, 6 कंटेनर और डंपर्स को नुकसान हुआ है। इस हिंसा के बावजूद एक भी व्यक्ति की मौत पुलिस के हाथों नहीं हुई। पुलिस ने संयम बरतकर इन सारे हालात को संभाला। हमने केवल आंसू गैस का इस्तेमाल किया।’
पुलिस कमिश्नर ने कहा, ‘जिन रास्तों से किसान लाल किले तक पहुंचे, उन्होंने संगठनों के और धार्मिक झंडे भी लगाए। मैं बताना चाहता हूं कि हम दिल्ली में गैर कानूनी तरीके से किए गए आंदोलन और उस दौरान हिंसा और पुरातत्व विभाग की संपत्ति लाल किले पर झंडा फहराने को गंभीरता से ले रहे हैं। हिंसा करने वालों की वीडियो फुटेज हमारे पास है और उसका विश्लेषण किया जा रहा है। ऐसे लोगों को गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अब तक दिल्ली पुलिस 25 से ज्यादा केस रजिस्टर्ड कर चुकी है।’
उन्होंने कहा, ‘हिंसा मामले में अब तक 25 एफआईआर दर्ज की हैं। 19 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, 50 संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। सीसीटीवी फुटेज और फेस रिकग्निजेशन सिस्टम के जरिए उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। जांच और कार्रवाई जारी है। एक चीज सबको बताना चाहता हूं कि किसी भी आरोपी को छोड़ा नहीं जाएगा। जो भी किसान नेता हैं और उनकी इसमें संलिप्तता पाई जाती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। राष्ट्र की सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस किसान संगठनों से पूछताछ करेगी और कार्रवाई करेगी।’