प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi ) ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम को संबोधित करते हुए देश की राजधानी में गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा पर दुख जताया। पीएम मोदी ने कहा कि दिल्ली में, 26 जनवरी को तिरंगे का अपमान देख देश बहुत दुखी हुआ। हमें आने वाले समय को नई आशा और नवीनता से भरना है। हमने पिछले साल असाधारण संयम और साहस का परिचय दिया। इस साल भी हमें कड़ी मेहनत करके अपने संकल्पों को सिद्ध करना है।
लाल किले की प्राचीर पर प्रदर्शनकारी किसानों ने अपने झंडे फहरा दिए थे। वह भी ठीक उस जगह पर, जहां हर साल 15 अगस्त पर प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं। इसके अलावा ऐतिहासिक इमारत में जमकर तोड़फोड़ भी की गई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी( Prime Minister Narendra Modi )कहा कि 23 जनवरी को हमने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन को ‘पराक्रम दिवस’ के तौर पर मनाया और 26 जनवरी को ‘गणतन्त्र दिवस’ की शानदार परेड भी देखी ।इस महीने क्रिकेट पिच से भी बहुत अच्छी खबर मिली, हमारी क्रिकेट टीम ने शुरुआती दिक्कतों के बाद, शानदार वापसी करते हुए ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीती। हमारे खिलाड़ियों का हार्ड वर्क और टीम वर्क प्रेरित करने वाला है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को संसद में अभिभाषण में गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा को लेकर कहा कि पिछले दिनों हुआ तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi )ने पुरस्कारों का जिक्र करते हुए कहा कि पद्म पुरस्कारों की घोषणा हो चुकी है। इस साल भी पुरस्कार पाने वालों में वे लोग शामिल हैं, जिन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों में बेहतरीन काम किया है, अपने कामों से किसी का जीवन बदला है, देश को आगे बढ़ाया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्र ने असाधारण कार्य कर रहे लोगों को उनकी उपलब्धियां और मानवता के प्रति उनके योगदान के लिए सम्मानित किया। यानी जमीनी स्तर पर काम करने वाले गुमनाम नायक को पद्म सम्मान देने की जो परंपरा देश ने कुछ वर्ष पहले शुरू की थी, वो, इस बार भी कायम रखी गई है।