नाबालिग छात्रा के यौन उत्पीड़न मामले में जोधपुर जेल में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे आसाराम बापू ( Asaram Bapu ) की उम्मीदों को राजस्थान ( Rajasthan ) हाईकोर्ट में सोमवार को झटका लगा। लोअर कोर्ट से अप्रैल 2018 में सुनाई गई सजा को स्थगन के लिए आसाराम की याचिका पर आज सुनवाई स्थगित हो गई। अब अगली सुनवाई 9 फरवरी को होगी। सजा स्थगित होने पर ही आसाराम जमानत पर जेल से बाहर आ सकता है। ऐसे में उनकी पूरी उम्मीद इस याचिका से जुड़ी है।
आसाराम ( Asaram Bapu )के गुरुकुल में पढ़ने वाली एक नाबालिग छात्रा ने आरोप लगाया कि 15 अगस्त 2013 को आसाराम ने जोधपुर के निकट मणाई गांव में स्थित एक फार्म हाउस में उसका यौन उत्पीड़न किया। 20 अगस्त 2013 को उसने दिल्ली के कमला नगर पुलिस थाने में आसाराम के खिलाफ मामला दर्ज कराया। जोधपुर का मामला होने के कारण दिल्ली पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच करने के लिए उसे जोधपुर भेजा।
जोधपुर पुलिस ने आसाराम के खिलाफ नाबालिग का यौन उत्पीड़न करने का मामला दर्ज किया। पुलिस 31 अगस्त 2013 को इन्दौर से आसाराम ( Asaram Bapu )को गिरफ्तार कर जोधपुर ले आई। उसके बाद से आसाराम लगातार जोधपुर जेल में ही बंद है। हाईकोर्ट के आदेश पर आसाराम से जुड़े मामले को रोजाना सुनवाई की गई।
अप्रैल 2018 में मरते दम तक जेल में रहने की आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इस मामले में उसके दो सहयोगियों को 20-20 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई थी। इन दोनों की सजा हाईकोर्ट ने फिलहाल स्थगित कर रखी है। ऐसे में उम्मीद से भरे आसाराम ने भी सजा स्थगन की याचिका दायर की। लेकिन विभिन्न कारणों से उसकी सुनवाई लगातार टलती जा रही है।