Friday, September 20, 2024

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एम’ नाम के सभी तानाशाह तो मोहनदास करमचंद गांधी और मोती लाल नेहरू कौन? राहुल से लोगों ने पूछे सवाल

 ( ) के पूर्व अध्यक्ष   (  )  को म्यांमार में तख्तापलट को लेकर सवाल पूछना भारी पड़ गया। सोशल मीडिया पर लोगों ने राहुल गांधी को उनके ही सवाल पर आड़े हाथों ले लिया। राहुल गांधी ने बुधवार सुबह ट्वीट कर पूछा था कि आखिर तानाशाहों का नाम अंग्रेजी के एक ‘M’ (हिंदी में ‘म’) अक्षर से ही शुरू क्यों होता हैं। इसके बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने राहुल से पूछा कि ‘एम’ नाम के सभी तानाशाह तो मोहनदास करमचंद गांधी, आपके बाबा मोती लाल नेहरू और मनमनोहन सिंह कौन?

इस पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि M से मोहनदास भी होता है यानी साबरमती के संत, बापू। भारत की मिट्टी की बात ही अलग है, ये तानाशाह नहीं बुद्ध और महावीर की धरती है। छोड़िये आप नहीं समझेंगे।

सोशल मीडिया पर राहुल गांधी ( Rahul Gandhi )इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए पूछा कि ‘एम’ नाम के सभी तानाशाह तो मोहनदास करमचंद गांधी, मोती लाल नेहरू और मनमनोहन सिंह कौन? इसके साथ लोगों ने भी एम नाम वालों में मोहनदास करमचंद गांधी, मनमोहन सिंह, मंडेला, मार्टिन एल किंग, मलाला कई बड़ी समेत महबूबा मुफ्ती, ममता बनर्जी, मुलायम सिंह का भी जिक्र किया।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने में तख्तापलट को लेकर विवादित सवाल पूछा। राहुल गांधी ( Rahul Gandhi )ने कहा कि आखिर ज्यादातर तानाशाहों के नाम अंग्रेजी के एक ‘M’ (हिंदी में ‘म’) अक्षर से ही शुरू क्यों होता हैं। इस सवाल के साथ ही उन्होंने मार्कोस, मुसोलिनी, मिलोसेविच, मुबारक, मोबुतु, मुशर्रफ और माइकॉम्बेरो आदि तानाशाहों के नाम भी गिनाए। बता दें कि म्यामांर में तख्तापलट करने वाले सेना प्रमुख का नाम मिन आंग ह्लाइंग (Min Aung Hlaing) है, जो अंग्रेजी के ‘एम’ अक्षर से ही शुरू हो रहा है।

बता दें कि म्यांमार में सेना ने सोमवार को फिर से देश की सत्ता पर कब्जा कर लिया। सेना ने देश की सर्वोच्च नेता और स्टेट काउंसलर आंग सान सू की और राष्ट्रपति विन मिंट समेत कई वरिष्ठ नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। म्यांमार की सत्ता अपने हाथ में लेने के बाद सेना ने देश में एक साल के लिए आपातकाल लागू कर दिया है।म्यांमार में तख्तापलट की दुनिया भर में निंदा हो रही है।
आजादी मिलने के बाद से म्यांमार पर ज्यादातर वक्त सेना का शासन रहा है। वर्ष 1962 में सेना यहां सत्ता पर काबिज हो गई थी। सेना की तानाशाही से देशवासियों को आजादी दिलाने और लोकतंत्र की बहाली के लिए आंग सान सू की 22 साल लंबी लड़ाई लड़ी थी, जिसके बाद 2011 में जनता की चुनी हुई सरकार बनी।

 

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels