राजस्थान ( Rajasthan ) के जोधपुर ( Jodhpur ) काला हिरण शिकार केस में कोर्ट में लगातार 17 बार हाजरी माफी ले चुके बॉलीवुड ( Bollywood) अभिनेता सलमान खान (Salman Khan) अब हाईकोर्ट की शरण में पहुंचे हैं। कोर्ट में स्वयं उपस्थित होने के बजाय अब सलमान वर्चुअली उपस्थित होना चाहते हैं। ताकि मुंबई से सीधे वह कोर्ट में अपनी हाजरी लगा सके। सलमान की याचिका पर आज हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य व केन्द्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। मामले की सुनवाई अब शुक्रवार को होगी। सलमान को जोधपुर की कोर्ट में 6 फरवरी को उपस्थित होना है।
सलमान खान (Salman Khan)की ओर से उनके अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत ने आज हाईकोर्ट में याचिका पेश की। इसमें कहा गया कि कोरोना के कारण सलमान जोधपुर कोर्ट में उपस्थित नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में उन्हें मुंबई से वर्चुअली उपस्थिति दर्ज कराने की अनुमति प्रदान की जाए। मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती और न्यायाधीश दिनेश मेहता की अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई। खंडपीठ ने इस मामले में राज्य व केन्द्र सरकार को अपना पक्ष पेश करने को कहा है। अब अगली सुनवाई कल होगी।
सलमान खान (Salman Khan)लगातार 17 बार हाजरी माफी ले चुके हैं। ऐसे में इस बार 6 फरवरी को उन्हें हाजरी माफी मिलने की संभावना बहुत कम है। उन्हें हर हालत में कोर्ट में उपस्थिति देने जोधपुर आना होगा। जोधपुर आने से बचने के लिए सलमान की तरफ से अब यह याचिका दायर की गई है।
अप्रैल 2018 में सलमान खान ने ट्रायल कोर्ट से मिली सजा को जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में चुनौती दी थी। इसके बाद वे एक बार कोर्ट में पेश हुए। ढाई साल की इस अवधि में इसके अलावा प्रत्येक पेशी पर वे किसी न किसी कारण से हाजरी माफी लेते रहे। 17 बार वे हाजरी माफी का लाभ ले चुके हैं।
काला हिरण शिकार केस( Blackbuck Case )में ट्रायल कोर्ट ने 5 अप्रैल 2018 को सलमान खान को दोषी करार देते हुए 5 साल की सजा सुनाई थी। इस मामले में सह आरोपी फिल्म अभिनेता सैफ अली खान, अभिनेत्री नीलम, तब्बू व सोनाली बन्द्रे को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था। सलमान खान को उस समय गिरफ्तार कर जोधपुर जेल भेजा गया था। तीन दिन बाद वे कोर्ट से मिली जमानत के आधार पर रिहा हुए थे। सलमान खान ने उन्हें सुनाई गई पांच साल की सजा को चुनौती दे रखी है। वहीं आर्म्स एक्ट के मामले में कोर्ट ने सलमान को बरी कर दिया था। राज्य सरकार ने कोर्ट के इस निर्णय को चुनौती दे रखी है। इन मामलों की 6 फरवरी को सुनवाई होनी है।