Monday, April 21, 2025

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Punjab: 40 दिन में इंजीनियर, अकाउंटेंट व डॉक्टर बना देता था ये गिरोह, देश की 16 यूनिवर्सिटी के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा,मेरठ, मथुरा व दिल्ली से पांच गिरफ्तार 

fake degree racket trapped

fake degree racket trapped   ( में मोहाली पुलिस ने कम पढ़े-लिखे व स्टडी गैप वाले युवकों से मोटी रकम लेकर उन्हें प्रसिद्ध   ( और संस्थानों की फर्जी डिग्रियां मुहैया करवाने वाले गिरोह( fake degree racket )का पर्दाफाश किया है। गिरोह के शातिर कई साल में नहीं, बल्कि 30-40 दिन में ही युवकों को इंजीनियर, डॉक्टर, अकाउंटेंट, एमबीए, बीटेक, एमटेक की फर्जी डिग्रियां सौंप देते थे। इस गिरोह का नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ है।

शातिर पंजाब, हिमाचल, (  , हरियाणा, दिल्ली और मध्य प्रदेश समेत कई शहरों में स्थित 16 सरकारी और निजी यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्रियां जारी कर रहे थे। इनसे बड़ी संख्या में पुलिस ने जाली दस्तावेज, मुहर, होलोग्राम, कंप्यूटर और अन्य उपकरण बरामद किए हैं। पुलिस ने इस गिरोह( fake degree racket ) के पांच शातिर गिरफ्तार किए हैं।

शातिरों की पहचान निर्मल सिंह निम्मा गांव करतारपुर थाना मुल्लांपुर गरीबदास, विष्णु शर्मा निवासी निधि हाई कॉलोनी    ( ), सुशांत त्यागी, संचालक वीर फाउंडेशन डिस्टेंस एजुकेशन  (  ) और आनंद विक्रम सिंह निवासी सेक्टर-2, वैशाली    ( ) , अंकित अरोड़ा, निवासी फतेहपुर, सियालवा, मोहाली के रूप में हुई है।

बुधवार को एसएसपी कार्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसपी देहात डॉ. रवजोत कौर ग्रेवाल और डीएसपी जीरकपुर अमरोज सिंह ने इस गिरोह( fake degree racket ) का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि पांचों शातिरों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत कई धाराओं में केस दर्ज किए गए हैं। आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और कई और खुलासे हो सकते हैं।

जानकारी के मुताबिक जीरकपुर थाना पुलिस जीरकपुर-कालका रोड पर गश्त कर रही थी। इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी भोले-भाले युवकों से उनके असली दस्तावेज लेकर इन पर दी गई पूरी जानकारी के आधार पर उन्हें जाली सर्टिफिकेट और डिग्री बनाकर देते हैं। इसके बाद पुलिस ने सबसे पहले एक शातिर निम्मा को गिरफ्तार किया।

इसके बाद आरोपियों ने उससे पूछताछ के बाद इस गिरोह( fake degree racket ) के अन्य शातिरों को गिरफ्तार कर लिया। इस गिरोह के सदस्यों ने कई राज्यों के लोगों को ठगा है। पुलिस अब उनके सभी अकाउंट और संपत्तियों के बारे में जानकारी जुटा रही है। वहीं, पुलिस ने गिरफ्तार शातिरों के बारे में सभी राज्यों की पुलिस को अलर्ट भेजा है।

आरोपी इतने शातिर है कि इन्होंने पूरे देश में स्टडी सेंटर खोल रखे हैं। वह अपने आपको एजुकेशन कंसल्टेंट बताकर काम करते थे। कई छात्र स्टडी में गैप पूरा करने के लिए तो कोई अन्य कारणों की वजह से इनके पास आते थे। इसके बाद शातिर उनसे एक से डेढ़ लाख रुपये तक वसूल कर उन्हें फर्जी सर्टिफिकेट जारी कर देते थे। वहीं, जांच में कोई उनके सर्टिफिकेट पर संदेह न करे, इसलिए यह लोग उस पर बाकायदा होलोग्राम तक इस्तेमाल करते थे। इन्होंने कई लोगों को अपना शिकार बनाया है।

बताया जा रहा है कि आरोपी तकनीकी रूप से काफी दक्ष हैं। जब कोई इनसे संपर्क करता था तो आवेदक को ऐसा जताते थे कि वह बिल्कुल सही काम कर रहे हैं। इन्होंने प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी के फर्जी डोमेन भी तैयार कर लिए थे। वहीं, आवेदक के सामने ही उसका रिकॉर्ड यूनिवर्सिटी  (University)की वेबसाइट पर अपलोड करते थे। यहां तक कि उनका रिजल्ट भी फर्जी डोमेन पर दिखा देते थे। इसके बाद उन्हें असली बताकर फर्जी सर्टिफिकेट जारी कर देते थे।

इन यूनिवर्सिटी  (University) और संस्थानों के फर्जी डिग्रियां और सर्टिफिकेट आरोपियों ने बांटे उनमें आदेश यूनिवर्सिटी बठिंडा,आईटीसी यूनिवर्सिटी, हिमाचल प्रदेश,आईके गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी जालंधर,बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी  (   ) ,छत्रपति शाहू जी महाराज यूनिवर्सिटी कानपुर,चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी मेरठ,गुरु गोबिंद सिंह कॉलेज ऑफ एजुकेशन पंजाब गुरु काशी यूनिवर्सिटी तलवंडी साबो,हरियाणा काउंसिल ऑफ ओपन स्कूलिंग,सिक्किम यूनिवर्सिटी,काउंसिल ऑफ दि इंडियन स्कूल ऑफ सर्टिफिकेट ऑर्गेनाइजेशन  दिल्ली,मानव भारती यूनिवर्सिटी सोलन, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग,पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड मोहाली,पंजाब स्टेट बोर्ड ऑफ टेक्निकल एंड इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग चंडीगढ़ (लाला लाजपत राय कॉलेज ऑफ मोगा),पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला, स्वामी विवेकानंद सुभारती यूनिवर्सिटी (  मेरठ है।

 

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels