प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi )ने रविवार को असम और पश्चिम बंगाल का दौरा किया। प्रधानमंत्री मोदी शाम को पश्चिम बंगाल ( West Bengal) के हल्दिया( Haldia ) पहुंचे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( PM Narendra Modi )ने हल्दिया ( Haldia ) में रैली को संबोधित करते हुए कहा कि बंगाल फुटबॉल से प्यार करने वाला राज्य है, इसलिए मैं फुटबॉल की भाषा में कहना चाहता हूं कि तृणमूल कांग्रेस ( TMC ) ने कई फाउल कर लिए हैं। बंगाल के लोग सब देख रहे हैं। इसीलिए बंगाल के लोग जल्द ही टीएमसी को “राम कार्ड ” (Ram Card) दिखाने वाले हैं। बुआ और भतीजावाद को खत्म करने का मन आप लोग बना चुके हैं।
लेफ्ट, टीएमसी और कांग्रेस पर्दे के पीछे मैच फिक्सिंग कर रहे हैं। ये दिल्ली में एक साथ बैठकर रणनीति बनाते हैं और हमारे सामने एक-दूसरे से लड़ने का सिर्फ दिखावा करते हैं। इनको वोट देने का मतलब है कि परदे के पीछे चल रहे खेल का शिकार हो जाना। इसलिए हमें सतर्क रहना है और दूसरों को भी सावधान करना है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( PM Narendra Modi )ने हल्दिया ( Haldia ) में LPG इम्पोर्ट टर्मिनल की शुरुआत की। इसकी अनुमानित लागत 1100 करोड़ रुपए बताई जा रही है। वहीं, उन्होंने डोभी-दुर्गापुर नेचुरल गैस पाइपलाइन और फ्लाईओवर की भी शुरुआत की।
रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी को ‘भारत माता की जय’ सुनना पसंद नहीं हैं। वे इस नारे को सुनते ही काफी नाराज हो जाती हैं। बंगाल में आप दीदी से अपने अधिकार की बात पूछ देंगे तो वो नाराज हो जाती हैं। लेकिन देश के खिलाफ बोलने वाले कितना भी जहर उगल दें, दीदी को गुस्सा नहीं आता।
उन्होंने कहा कि अपराध और अपराधियों का, हिंसा का और लोकतन्त्र पर हमलों का पुनर्जीवन। इससे पश्चिम बंगाल ( West Bengal)में गरीबी का दायरा और बढ़ता गया। पीएम ने कहा कि बंगाल पहले से जितना आगे था, अगर बीते दशकों में उसकी वो गति और बढ़ी होती, तो आज बंगाल कहां से कहां पहुंच गया होता। आज यहां जितने भी उद्योग हैं, जितना भी कारोबार है, जितना भी इंफ्रास्ट्रक्चर है, वो बदलाव चाहते हैं, आधुनिकता चाहते हैं। लेकिन आप सोचिए, बीते 10 सालों में यहां की सरकार ने कितनी फैक्ट्रियों का शिलान्यास या उद्घाटन किया?
पीएम मोदी ( PM Narendra Modi )ने कहा कि उस बड़े स्टील प्लांट का क्या हुआ जो यहां की अराजक व्यवस्थाओं के कारण शुरू ही नहीं हो सका?पश्चिम बंगाल ( West Bengal)की इस स्थिति का सबसे बड़ा कारण है यहां की राजनीति। आजादी के बाद जब पश्चिम बंगाल के विकास को नई दिशा देने की जरूरत थी तब यहां विकास वाली राजनीति नहीं हो पाई। पहले कांग्रेस ने शासन किया, तो भ्रष्टाचार का बोलबाला रहा। फिर लेफ्ट का शासन लंबे समय तक रहा, उन्होंने भ्रष्टाचार, अत्याचार बढ़ाने के साथ ही विकास पर ही ब्रेक लगा दिया।
2011 में पूरे देश की नजरें बंगाल पर थीं। लेफ्ट की हिंसा और भ्रष्टाचार का जर्जर किला ढहने की कगार पर था। उस समय ममता दीदी ( Mamata Banerjee ) ने बंगाल से परिवर्तन का वादा किया। उनके इस वादे ने पूरे देश का ध्यान खींचा, लोगों ने भरोसा किया। बंगाल को आस थी ममता की लेकिन उसे निर्ममता मिली।लेकिन ममता सरकार के पहले साल में ही ये साफ हो गया कि, बंगाल को जो मिला है वो परिवर्तन नहीं, लेफ्ट का पुनर्जीवन है। वो भी सूद समेत। लेफ्ट का पुनर्जीवन यानी भ्रष्टाचार का पुनर्जीवन।