उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के आगरा कोर्ट ( Agra court ) में स्पेशल जज (पॉक्सो एक्ट) वीके जायसवाल ने सोमवार को दुष्कर्मी पिता को आखिरी सांस तक कारावास में रखने की सजा सुनाई। पत्नी की गैर मौजूदगी में उसने 12 साल की बेटी के साथ 10 दिन तक दुष्कर्म किया था। लौटने पर मां को उसकी दरिंदगी का पता चला तो उसने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आगरा कोर्ट ( Agra court ) में जज ने दुष्कर्मी बाप आखिरी सांस तक जेल में रहने की सजा का फैसला सुनाते वक्त कविता सुना के पूरे कोर्ट रुम की आंखें नम कर दी ।
आगरा कोर्ट ( Agra court ) में दुष्कर्मी को सजा सुनाए जाते समय जज वीके जायसवाल ने टिप्पणी की, पिता तो बेटी का रखवाला होता है, उससे ऐसे पाप की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। पिता तो वह होता है जो बेटी के लिए सब कुछ त्याग सकता है। उन्होंने सजा सुनाने से पहले यह कविता पढ़ी…
जब-जब जन्म लेती है बेटी, खुशियां साथ लाती है बेटी
ईश्वर की सौगात है बेटी, सुबह की पहली किरन है बेटी।
तारों की शीतल छाया है बेटी, आंगन की चिड़िया है बेटी
त्याग और समर्पण सिखाती है बेटी, नए-नए रिश्ते बनाती है बेटी।
जिस घर जाए उजाला लाती है बेटी, बार-बार याद आती है बेटी
बेटी की कीमत उनसे पूछो, जिनके पास नहीं है बेटी।
इस घटना की रिपोर्ट 16 मई 2015 को थाना जगदीशपुरा में दर्ज कराई गई थी। पेशे से जूता कारीगर शख्स की पत्नी बीमार बहन को देखने के लिए एत्माद्दौला में उसके घर गई थी। घर पर पति, बेटी और बेटा थे। दस दिन बाद लौटने पर पता चला कि बेटी गुमसुम थी, कोने में बैठकर रोती रहती थी, उसके शरीर में असहनीय दर्द हो रहा था, उसने खाना-पीना छोड़ दिया था।
आगरा कोर्ट ( Agra court ) विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो एक्ट) विमलेश आनंद ने बताया कि मां के बार-बार पूछने पर उसे बेटी ने घटना की जानकारी दी कि पापा ने उसके साथ गंदा काम किया है और धमकी दी है कि अगर किसी को बताया तो जान से मार देंगे। कोर्ट ने दोषी पर 1.80 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। इसमें से एक लाख रुपया पीड़ित बच्ची को दिया जाएगा।