प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को चेन्नई (Chennai) में सेना को पहला स्वदेशी अर्जुन मार्क – 1ए टैंक (Arjun Main Battle Tank (MK-1A) सौंपेंगे।
पीएम मोदी ( Prime Minister Narendra Modi )एक समारोह के दौरान सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ( Indian Army Chief General MM Naravane)को पहला स्वदेशी अर्जुन मार्क- 1ए मुख्य युद्धक टैंक (Arjun Main Battle Tank (MK-1A) ) सौंपेंगे। बता दें इस टैंक को डीआरडीओ द्वारा विकसित किया गया है। गौरतलब हो बीते साल जैसलमेर सीमा पर जवानों के साथ दीपावली मनाने के बाद जब प्रधानमंत्री मोदी ने अर्जुन टैंक पर सवारी की थी, तभी लम्बे समय से लंबित चले आ रहे अर्जुन एमके-1ए टैंक के जल्द ही पूरा होने के संकेत मिल गए थे। उसी समय उन्होंने ‘लोकल फॉर वोकल’ का साफ संदेश भी दिया था।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) प्रमुख सतीष रेड्डी (Satheesh Reddy) ने कहा, ‘आर्मी को MK-1A सौंपने का ऐलान कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लिए काफी अहम फैसला लिया है। इसके जरिए यह संदेश दिया जा रहा है कि भारत अपने स्वदेशी सिस्टम के साथ है और यह काफी व्यापक तरीके से प्रोत्साहित किया जाएगा।’ DRDO ने बताया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 फरवरी को चेन्नई में अर्जुन टैंक के नवीनतम संस्करण मार्क-1 ए को भारतीय सेना को सौपेंगे।
इसी के साथ 6,600 करोड़ रुपये के अर्जुन एमबीटी के अंतिम बैच के उत्पादन के लिए औपचारिक रूप से आदेश देने का रास्ता साफ हो जाएगा। मुख्य बैटल टैंक (एमबीटी) अर्जुन कॉम्बैट वाहन अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (सीवीआरडीई) के साथ डीआरडीओ का एक बहु-प्रयोगशाला कार्यक्रम है, जिसमें मुख्य प्रयोगशाला है। यह बेहतर अग्नि शक्ति, उच्च गतिशीलता और उत्कृष्ट सुरक्षा के साथ एक अत्याधुनिक टैंक है। एमबीटी अर्जुन के बारह एमके 1 प्रोटोटाइप का निर्माण किया गया है और उनके प्रदर्शन परीक्षणों ने संतोषजनक परिणाम प्रदान किए हैं। MBT अर्जुन के विकास के दौरान CVRDE द्वारा हासिल की गई कुछ सफलताएं इंजन, ट्रांसमिशन, ह्य्द्रोपन्यूमाटिक सस्पेंशन, सस्पेंशन, हल और टुर्रेट और गन कंट्रोल सिस्टम में हैं।
अर्जुन टैंक को डीआरडीओ के कॉम्बैट व्हीकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (सीवीआरडीई) ने डिजाइन किया है। डीआरडीओ के चेयरमैन जी सतीश रेड्डी प्रधानमंत्री मोदी को पहला अर्जुन मार्क – 1ए ( Arjun Main Battle Tank (MK-1A) सौंपेंगे। टैंक का निर्माण ऑर्डिनेंस फैक्टरी बोर्ड (ओएफबी) के हेवी व्हीकल फैक्ट्री अवाडी द्वारा किया जाएगा। सरकार से अनुबंध पर हस्ताक्षर होने के 30 महीनों के भीतर पांच एमबीटी का पहला बैच सेना को सौंप दिया जाएगा।
अर्जुन युद्धक टैंक पूरी तरह से स्वदेश निर्मित है जिसे पहली बार 2004 में अर्जुन टैंक को भारतीय सेना में शामिल किया गया था। मौजूदा समय में सेना के पास 124 अर्जुन टैंक की दो रेजिमेंट हैं, जिन्हें जैसलमेर में भारत-पाकिस्तान की सीमा पर तैनात किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी जब नवम्बर में सैनिकों के साथ दिवाली मना ने पाकिस्तान से लगी जैसलमेर (राजस्थान) के लोंगेवाला सीमा पर गए थे तो उन्होंने जिस अर्जुन टैंक की सवारी की थी, उसी का यह उन्नत संस्करण एमके-1ए है ।
रक्षा मंत्रालय की रक्षा अधिग्रहण समिति (डीएसी) ने 2014 में 118 अर्जुन एमके-1ए ( Arjun Main Battle Tank (MK-1A) टैंकों के लिए 6,600 करोड़ रुपये के ऑर्डर को मंजूरी दे दी थी, लेकिन ऑर्डर नहीं दिया गया था। यह परियोजना इसलिए 2015 से अधर में थी क्योंकि सेना ने रूसी टी-90 टैंकों के ऑर्डर देने पर ध्यान केंद्रित किया था। इसके बाद 2019 में सेना ने रूस को 464 टी-90 के लिए करीब 14 हजार करोड़ रुपये का ऑर्डर दिया भी था। 2012 में विकसित किये गए अर्जुन मार्क-2 को 2018 में अर्जुन मार्क – 1ए नाम दिया गया था। साथ ही सेना ने मुख्य बंदूक और मिसाइल दागने की क्षमता जैसी सभी आवश्यकताओं को पूरा करने को कहा था। अब उन्नत संस्करण अर्जुन मार्क-1ए ने 2020 में सभी परीक्षण पूरे कर लिए हैं जिसके बाद अब सरकार से आदेश का इंतजार है।
मुख्य बैटल टैंक (एमबीटी) अर्जुन कॉम्बैट वाहन अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (सीवीआरडीई) के साथ डीआरडीओ का एक बहु-प्रयोगशाला कार्यक्रम है, जिसमें मुख्य प्रयोगशाला है। यह बेहतर अग्नि शक्ति, उच्च गतिशीलता और उत्कृष्ट सुरक्षा के साथ एक अत्याधुनिक टैंक है। एमबीटी अर्जुन के बारह एमके 1 प्रोटोटाइप का निर्माण किया गया है और उनके प्रदर्शन परीक्षणों ने संतोषजनक परिणाम प्रदान किए हैं। MBT अर्जुन के विकास के दौरान CVRDE द्वारा हासिल की गई कुछ सफलताएं इंजन, ट्रांसमिशन, ह्य्द्रोपन्यूमाटिक सस्पेंशन, सस्पेंशन, हल और टुर्रेट और गन कंट्रोल सिस्टम में हैं।