उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ( Chief minister Yogi Adityanath )ने वृंदावन (Vrindavan) में कहा कि संतों के अनुरूप ही हमें यमुना को निर्मल बनाना है। यह काम हम 2022 तक करने का प्रयास करेंगे। यमुना के साथ हमारी स्मृतियां जुड़ी हुई हैं। हम यमुना जल को स्नान ही नहीं आचमन योग्य भी बना देंगे। दिल्ली सरकार को भी यमुना को निर्मल बनाने में अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ( Yogi Adityanath )ने रविवार को भगवान श्रीराधाकृष्ण की लीला भूमि वृंदावन (Vrindavan) में श्रीबांकेबिहारी के दर्शन और यमुना की आरती की। साथ ही यहां कुंभ पूर्व वैष्णव बैठक में 411 करोड़ रुपये की योजनाएं जनपद को समर्पित कीं।
वृंदावन में कुंभ पूर्व वैष्णव बैठक में आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह वैष्णव बैठक अब वृंदावन कुंभ के नाम से प्रख्यात हो चुकी है। यह हमारा सौभाग्य है कि इस आयोजन के माध्यम से सेवा का अवसर मिला है। अब ब्रज को नई पहचान देनी है।
उन्होंने कहा कि दुनिया के सामने ब्रज की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को रखना है। वैश्विक पटल पर यहां आस्था को लोगों के लिए रोजगार से जोड़ना है। इसकी शुरुआत ब्रज तीर्थ विकास परिषद के कार्यों के साथ हो चुकी है। दुनिया में इससे प्राचीन सांस्कृतिक विरासत किसी के पास नहीं है।
योगी ने संतों से कहा कि गोसेवा ब्रज की पहचान होनी चाहिए। गोवंश भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं की स्मृतियों को जीवंत करती है। यहां तो यमुना भी निर्मल होनी चाहिए। कानपुर में गंगा को स्वच्छ और निर्मल किया जा सकता है तो फिर यमुना को क्यों नहीं? आस्था की दृष्टि से ब्रज क्षेत्र से पवित्र कोई जमीन नहीं है।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर (Banke bihari Temple ) में ठाकुरजी के दर्शन और पूजा-अर्चना की। यहां करीब 15 मिनट तक ठाकुरजी के साथ मुख्यमंत्री मंदिर को निहारते रहे। कुंभ क्षेत्र जाकर यमुना के नवनिर्मित संत देवरहा बाबा घाट का उद्घाटन किया और फिर उस पर यमुना जी की आरती की। यहां से कुंभ पूर्व वैष्णव बैठक की भव्यता को भी निहारा।
मुख्यमंत्री ने संत ज्ञानानंद, संत विजय कौशल, विनोद बाबा के आश्रमों में पहुंचकर यहां संतों के साथ ब्रज संस्कृति के विकास, यमुना शुद्धिकरण पर चर्चा की। इसके अलावा 198 करोड़ रुपये की नवीन योजनाओं को भी तीर्थ विकास परिषद की बोर्ड बैठक में स्वीकृति दी।